बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जिन स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, उसमें से तेजस्वी सूर्या का नाम शामिल नहीं है. तेजस्वी सूर्या भाजपा युवा मोर्चा के न सिर्फ अध्यक्ष हैं, बल्कि वह खुद कर्नाटक से आते हैं. वह बेंगलुरु से सांसद भी हैं. वह एक फायरब्रांड नेता माने जाते हैं. युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता भी है.
इन सबके बावजूद भाजपा ने उन्हें अपने गृह राज्य में ही स्टार प्रचारक की भूमिका नहीं सौंपी. शायद आपको आश्चर्य भी होगा कि तेजस्वी की मांग दूसरे राज्यों में है. चुनाव प्रचार के लिए उन्हें बुलाया जाता है. पर अपने होम स्टेट से इस तरह की बेरुखी पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. आधिकारिक तौर पर तो किसी को भी कारण पता नहीं है और न ही कोई कुछ बोलने को तैयार है. पर, पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि वह संगठन के कार्यों में व्यस्त हैं. कुछ नेताओं ने कहा कि स्टार लिस्ट में शामिल नहीं होने का यह अर्थ नहीं है कि वे पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे. वह प्रचार कर रहे हैं.
वैसे, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि तेजस्वी की आक्रामकता और विवादास्पद टिप्पणियां चुनाव के दौरान कोई नया विवाद न पैदा कर दे, इसलिए उन्हें इससे दूर रखा गया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बताया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव में इस बार भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा को महत्वपूर्ण भूमिका दे रखी है. टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार के दौरान वे काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. और वही येदियुरप्पा ने कुछ दिनों पहले यह बयान दिया था कि इस चुनाव के दौरान हिंदू-मुस्लिम कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा था कि वह सरकार के काम पर जनता के बीच जाएंगे. हिजाब विवाद को भी उन्होंने नकार दिया था.
यहां आपको बता दें कि येदियुरप्पा भाजपा के ऐसे नेता हैं, जो मुस्लिमों के बीच भी लोकप्रिय हैं. येदियुरप्पा यह भी कहते रहे हैं कि सरकार की स्कीम सभी के लिए होती है. वहीं दूसरी ओर तेजस्वी हिंदुओं को लेकर काफी उग्र रहते हैं. दिसंबर 2021 में उन्होंने एक बयान दिया था कि भारत के मुस्लिमों और ईसाइयों को हिंदू धर्म में परिवर्तन कराया जाना चाहिए. बाद में तेजस्वी ने माफी मांग ली थी. इधर पीएम मोदी ने ईस्टर के मौके पर चर्च जाकर ईसाइयों को भी साधने की कोशिश की है. केरल में भी भाजपा चाहती है कि उसे सफलता मिले, और वहां पर ईसाइयों की अच्छी खासी आबादी है. बहुत संभव है कि पार्टी ने जानबूझकर उन्हें पीछे रखा हो.
तेजस्वी मुगलों के आक्रमण को सबसे अधिक रक्तरंजित इतिहास भी बता चुके हैं. कुछ दिनों पहले एक फ्लाइट में भी विवाद हुआ था. तब कहा गया था कि विमान जब उड़ान भरने वाला था, उन्होंने इमरजेंसी गेट खोल दिया था. इस घटना को लेकर बाद में खूब सफाई भी देनी पड़ी थी. तेजस्वी ने खुद माफी भी मांगी थी. इस घटना के कारण पार्टी काफी उनसे नाराज थी, ऐसा बताया जा रहा है. अब भला कांग्रेस पार्टी इस मौके को अपने हाथ से क्यों जाने देगी. पार्टी ने तेजस्वी सूर्या को 'नफरती चिंटू' करार दे दिया. कांग्रेस ने कहा कि इन्हें अब पता चल गया होगा कि इनकी अहमियत क्या है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सिंधिया के साथ-साथ तेजस्वी भी इमरजेंसी एग्जिट में हैं.
वैसे, आपको बता दें कि स्टार प्रचारकों की सूची से प्रताप सिम्हा और बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र भी गायब हैं. यहां एक और महत्वपूर्ण सवाल है कि यदि तेजस्वी सूर्या की टिप्पणियों से पार्टी को परहेज है, तो नलिन कटील के बयानों से क्यों नहीं. नलिन कटिल राज्य भाजपा के अध्यक्ष हैं. उन्होंने टीपू सुल्तान पर बयान दिया था. कटिल ने कहा था कि अगला चुनाव वीर सावरकर की विचारधाराओं और टीपू सुल्तान के बीच होगा. उन्होंने यह भी कहा था कि टीपू के फॉलोअर्स को जंगल में ले जाया जाएगा. इसी तरह से पार्टी ने हिमंत बिस्वा सरमा को भी स्टार प्रचारकों की सूची में रखा है. सरमा के बारे में इतिहासकार इरफान हबीब ने उनके बारे में काफी नकारात्मक टिप्पणी की है. सरमा भी उग्र हिंदुत्व के पक्षधर हैं.
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