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औरंगाबाद में ISIS से जुड़े किशोर अपराधी को तीन साल की सजा - teen in touch with ISIS

आतंकी संगठन ISIS से जुड़े एक किशोर अपराधी को विशेष गृह में तीन साल की सजा सुनाई गई है. यह पहली बार है जब किसी किशोर अपराधी को आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के लिए इस तरह से दोषी ठहराया गया है.

औरंगाबाद
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Published : May 18, 2022, 8:25 PM IST

मुंबई : आतंकी संगठन ISIS से जुड़े एक किशोर अपराधी को विशेष गृह में तीन साल की सजा सुनाई गई है. मामले की सुनवाई औरंगाबाद के विशेष अधिकृत न्यायालय में हुई. औरंगाबाद किशोर न्याय बोर्ड में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. पिछले दो साल से किशोर अपराधी का मामला चल रहा था. यह पहली बार है जब किसी किशोर अपराधी को आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के लिए इस तरह से दोषी ठहराया गया है. किशोर अपराधी के खिलाफ मामले में औरंगाबाद किशोर न्यायाधिकरण ने अपना अंतिम फैसला सुनाया है.

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 18 (जी) के प्रावधानों के तहत दोषी को तीन साल के लिए विशेष गृह में रखने का आदेश दिया गया है. आतंकवाद निरोधी दस्ते की औरंगाबाद इकाई को अगस्त, 2019 में ISIS संगठन से संबंध रखने वाले आरोपियों और किशोर आरोपी के खिलाफ गोपनीय सूचना मिली थी. आरोपियों ने 'उम्मत-ए-मोहम्मदिया समूह' का गठन किया था और ISIS की विचारधारा से प्रेरित थे. इनपर आरोप है कि कुछ धर्मों के धार्मिक समारोहों के दौरान प्रसादम और पानी में जहर घोलकर बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बनाने की साजिश रची थी. यह भी पता चला कि मुंबई, ठाणे और औरंगाबाद में बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का इस्तेमाल कर रेकी करने के बाद सभी आतंकी हमले के बाद सीरिया भागने वाले थे.

इस खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने ठाणे के मोहसिन सिराजुद्दीन खान, मजहर अब्दुल राशिद शेख, मोहम्मद तकी सिराजुद्दीन, मोहम्मद सरफराज अब्दुल हक उस्मानी, जमां नवाब खुतुपद, सलमान सिराजुद्दीन खान, फहद मोहम्मद इस्तिक अंसारी, तल्हा हनीफ पोट्रिक, अब्दुल मजीद, औरंगाबाद का मोहम्मद मुशाहिद उल इस्लाम और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के विशेष अधिकृत न्यायालय, औरंगाबाद में पेश किया गया था. अदालत ने नाबालिग को दोषी ठहराते हुए विशेष गृह में तीन साल की सजा सुनाई है.

मुंबई : आतंकी संगठन ISIS से जुड़े एक किशोर अपराधी को विशेष गृह में तीन साल की सजा सुनाई गई है. मामले की सुनवाई औरंगाबाद के विशेष अधिकृत न्यायालय में हुई. औरंगाबाद किशोर न्याय बोर्ड में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. पिछले दो साल से किशोर अपराधी का मामला चल रहा था. यह पहली बार है जब किसी किशोर अपराधी को आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने के लिए इस तरह से दोषी ठहराया गया है. किशोर अपराधी के खिलाफ मामले में औरंगाबाद किशोर न्यायाधिकरण ने अपना अंतिम फैसला सुनाया है.

किशोर न्याय अधिनियम की धारा 18 (जी) के प्रावधानों के तहत दोषी को तीन साल के लिए विशेष गृह में रखने का आदेश दिया गया है. आतंकवाद निरोधी दस्ते की औरंगाबाद इकाई को अगस्त, 2019 में ISIS संगठन से संबंध रखने वाले आरोपियों और किशोर आरोपी के खिलाफ गोपनीय सूचना मिली थी. आरोपियों ने 'उम्मत-ए-मोहम्मदिया समूह' का गठन किया था और ISIS की विचारधारा से प्रेरित थे. इनपर आरोप है कि कुछ धर्मों के धार्मिक समारोहों के दौरान प्रसादम और पानी में जहर घोलकर बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बनाने की साजिश रची थी. यह भी पता चला कि मुंबई, ठाणे और औरंगाबाद में बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का इस्तेमाल कर रेकी करने के बाद सभी आतंकी हमले के बाद सीरिया भागने वाले थे.

इस खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने ठाणे के मोहसिन सिराजुद्दीन खान, मजहर अब्दुल राशिद शेख, मोहम्मद तकी सिराजुद्दीन, मोहम्मद सरफराज अब्दुल हक उस्मानी, जमां नवाब खुतुपद, सलमान सिराजुद्दीन खान, फहद मोहम्मद इस्तिक अंसारी, तल्हा हनीफ पोट्रिक, अब्दुल मजीद, औरंगाबाद का मोहम्मद मुशाहिद उल इस्लाम और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के विशेष अधिकृत न्यायालय, औरंगाबाद में पेश किया गया था. अदालत ने नाबालिग को दोषी ठहराते हुए विशेष गृह में तीन साल की सजा सुनाई है.

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