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राजस्व मुकदमों को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रौद्योगिक मंच निर्माण की समिति गठित : केन्द्र - न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्क्ष करों से जुड़े मामलों से संबंधित अपील दायर करने की प्रक्रिया दुरूस्त करने के लिए प्रौद्योगिकी मंच विकसित करने को लेकर एक समिति गठित की है. समिति के अध्यक्ष नेशनल इनफॉमेटिक्स सेंटर में ई-अदालत परियोजना की अगुवाई कर रहे आशीष शिरधोनकर होंगे.

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Published : Aug 27, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एमआर शाह की पीठ को बताया कि समिति तीन महीने में अपना काम पूरा करेगी और इसके सदस्य राजस्व विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तथा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) से होंगे.

पीठ ने इसे अच्छा कदम करार दिया और कहा कि शिरधोनकर ई-अदालत परियोजना के मुख्य स्तंभ हैं और उम्मीद है कि इससे केंद्र के कर मामलों में मुकदमें दुरूस्त होंगे. मेहता ने कहा कि समिति मंच के विकास पर नजर रखेगी और अन्य संबंधित पक्षों के साथ समन्वय करेगी. हम जल्दी ही मंच देखने की उम्मीद कर रहे हैं. पीठ ने कहा कि अब कहा जा सकता है कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं और मामले को सुनवाई के लिए तीन महीने बाद सूचीबद्ध किया.

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने कहा था कि नागरिक के रूप में न्यायाधीशों को राजस्व हानि के बारे में चिंता है. न्यायालय ने केंद्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान मामलों से संबंधित अपील दाखिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में तेजी लाने के लिए कहा था. न्यायालय ने सरकार से समिति गठित करने के बारे में अधिसूचना जारी करने को कहा.

यह भी पढ़ें-पिछले दो महीने जीएसटी रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारी एक सितंबर से नहीं भर पायेंगे जीएसटीआर-1

इस माह की शुरूआत में शीर्ष अदालत ने अपील दायर करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग के अधिकारियों की विफलता पर गंभीर आपत्ति जताई थी और चेतावनी दी थी कि वह उनके खिलाफ अवमानना ​​​​शुरू करने तथा कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एमआर शाह की पीठ को बताया कि समिति तीन महीने में अपना काम पूरा करेगी और इसके सदस्य राजस्व विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तथा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) से होंगे.

पीठ ने इसे अच्छा कदम करार दिया और कहा कि शिरधोनकर ई-अदालत परियोजना के मुख्य स्तंभ हैं और उम्मीद है कि इससे केंद्र के कर मामलों में मुकदमें दुरूस्त होंगे. मेहता ने कहा कि समिति मंच के विकास पर नजर रखेगी और अन्य संबंधित पक्षों के साथ समन्वय करेगी. हम जल्दी ही मंच देखने की उम्मीद कर रहे हैं. पीठ ने कहा कि अब कहा जा सकता है कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं और मामले को सुनवाई के लिए तीन महीने बाद सूचीबद्ध किया.

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने कहा था कि नागरिक के रूप में न्यायाधीशों को राजस्व हानि के बारे में चिंता है. न्यायालय ने केंद्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान मामलों से संबंधित अपील दाखिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में तेजी लाने के लिए कहा था. न्यायालय ने सरकार से समिति गठित करने के बारे में अधिसूचना जारी करने को कहा.

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इस माह की शुरूआत में शीर्ष अदालत ने अपील दायर करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में वित्त विभाग के अधिकारियों की विफलता पर गंभीर आपत्ति जताई थी और चेतावनी दी थी कि वह उनके खिलाफ अवमानना ​​​​शुरू करने तथा कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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