जम्मू: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों की एक टीम ने जोशीमठ जैसी स्थिति का विश्लेषण करने के लिए जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में नई बस्ती, थाटरी का दौरा किया. इन इलाकों में कुछ घरों में दरारें आ गई हैं.
डोडा जिले में 19 घरों में दरारें आने की रिपोर्ट के बाद भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इलाके का दौरा किया ताकि जमीन धंसाव का विश्लेषण किया जा सके. डोडा के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन ने कहा, '19 घरों के अलावा दो अन्य स्ट्रक्चर में दरारें विकसित हुई हैं. जीएसआई की टीम ने जांच की है.
इसके नमूने लिए हैं, वे हमें विवरण देंगे कि वास्तव में क्या हो रहा है.' यहां आपदा प्रबंधन के तहत कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले दिसंबर में डोडा में लोगों के घरों में दरारें आनी शुरू हो गई थी. डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर आमिर जरगर के मुताबिक, दरारें पिछले साल दिसंबर में दिखने लगी थीं, जो अब बढ़नी शुरू हो गई हैं.
उत्तराखंड के जोशीमठ में कई घरों में दरारें दिखाई देने के बाद प्रभावित सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया. जनवरी में शहर में भारी बर्फबारी के बाद दरारें चौड़ी होने की खबरें भी सामने आईं. जानकारी के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके घरों को खाली करने के लिए कहा.
कई लोगों के घरों को खाली कर दिया गया. उनलोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों की एक टीम ने डोडा का दौरा किया ताकि यहां भू-धंसाव की स्थिति का विश्लेषण किया जा सके. प्रभावित लोगों का कहना है कि हम कहां जाएंगे? हमने पूरी जिंदगी घर बनाने में लगा दी.
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यह अब चला गया. अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है. नई बस्ती गांव में अपना घर खाली कर रहे एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम सर्वेक्षण के लिए आई थी. मैं उपराज्यपाल से उन लोगों के लिए (जमीन का) आवंटन करने का आग्रह करता हूं जो अब विस्थापित हो गए हैं.
(एएनआई)