नई दिल्ली : सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) ने वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) द्वारा प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं के आरोप में एक ताजा एफआईआर दर्ज की है. यह मामला सीबीआई द्वारा जांच की जा रही सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. एफआईआर के बारे में अधिक जानकारी का इंतजार है. पिछले साल अक्टूबर में, ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्या को गिरफ्तार किया था.
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माणिक घोटाले के दौरान वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के अध्यक्ष भी थे. उनका नाम इस घोटाले में एक प्रमुख आरोपी के रूप में दर्ज है. उनके ऊपर घोटालों से प्राप्त राशि की मनी लॉन्ड्रिंग करने का भी आरोप है. सीबीआई और ईडी इस मामले में उनकी और उनकी करीबियों की सक्रिय और प्रत्यक्ष भागीदारी की जांच कर रही है. पिछले साल दिसंबर में ईडी ने माणिक भट्टाचार्य और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित 8 करोड़ रुपये की अस्थायी संपत्तियों को अटैच किया था.
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जांच एजेंसी ने 49.80 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, 5.08 करोड़ रुपये का सोना और आभूषण भी जब्त किये थे. इसके अलावा 56.15 करोड़ रुपये की अन्य संपत्तियों को भी जब्त किया गया था. ईडी के मुताबिक माणिक की कुल जब्त संपत्तियों का मूल्य करीब 111 करोड़ रुपये है. ईडी ने कोलकाता में विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती घोटाले में छह आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ एक पूरक एफआईआर भी दर्ज की है.
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अभियुक्तों में टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य, उनकी पत्नी सतरुपा भट्टाचार्य, उनके बेटे सौविक भट्टाचार्य भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष तपस कुमार मंडल का भी नाम अभियुक्त के रूप में दर्ज किया गया है. चार्ज शीट में दो कंपनियां कंसल्टेंसी सर्विसेज और एडुक्लास ऑनलाइन का नाम भी शामिल है.एजेंसी ने कहा कि मामले में आगे की जांच चल रही है.
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