हैदराबाद: शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि TET (Teachers Eligibility Test ) के योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता को 7 साल से बढ़ाकर ताउम्र कर दिया है.
2011 से प्रभावी होगा फैसला
केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अब आजीवन रहेगी. टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता फिलहाल 7 वर्ष है. यह निर्णय 2011 से प्रभावी होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) निशंक ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की.
जिनके प्रमाण पत्र की अवधि 7 वर्ष हो चुकी है
निशंक ने कहा कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठायेंगे.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक ने कहा कि टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया गया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाने को इच्छुक उम्मीदवारों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
शिक्षक बनने के लिए जरूरी होता है प्रमाण पत्र
उल्लेखनीय है कि स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिये किसी व्यक्ति की पात्रता के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा का योग्यता प्रमाणपत्र एक जरूरी पात्रता है. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (National Council for Teacher Education) के 11 फरवरी 2011 के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेंगी और टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि परीक्षा पास होने की तिथि से सात वर्ष तक होगी. जिसे अब सरकार ने ताउम्र के लिए मान्यता दे दी है.
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