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तमिलनाडु ने 'तमिल थाई वजथु' को राजकीय गीत घोषित किया - मद्रास उच्च न्यायालय

तमिलनाडु सरकार का यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय के हाल के फैसले के बाद आया है. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि ‘तमिल थाई वजथु’ (Tamil Thai Vajathu) केवल एक प्रार्थना गीत है, यह राष्ट्रगान नहीं है. इसलिए, जब इसे गाया जाता है तो हर किसी को खड़े होने की आवश्यकता नहीं है.

Tamil Nadu
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Published : Dec 17, 2021, 8:53 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने तमिल मातृभूमि की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत ‘तमिल थाई वजथु’ (Tamil Thai Vajathu) को ‘राज्य गीत’ घोषित किया है और निर्देश दिया कि इसके गायन के दौरान मौजूद सभी लोग खड़े रहें.

तमिलनाडु सरकार का यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय के हाल के फैसले के बाद आया है. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि ‘तमिल थाई वजथु’ केवल एक प्रार्थना गीत है, यह राष्ट्रगान नहीं है. इसलिए, जब इसे गाया जाता है तो हर किसी को खड़े होने की आवश्यकता नहीं है.

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इस आशय के संबंध में एक शासकीय आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 55 सेकंड लंबे गीत को गाए जाने के दौरान दिव्यांगों को छोड़कर सभी लोगों को खड़े रहना चाहिए.

पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने कर्नाटक के कांग्रेस विधायक के.आर. रमेश कुमार के बयान की निंदा की

मुख्यमंत्री ने शासकीय आदेश के हवाले से एक बयान में कहा कि इसे राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक मंचों पर किसी भी समारोह के शुरू होने से पहले गाया जाना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने तमिल मातृभूमि की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत ‘तमिल थाई वजथु’ (Tamil Thai Vajathu) को ‘राज्य गीत’ घोषित किया है और निर्देश दिया कि इसके गायन के दौरान मौजूद सभी लोग खड़े रहें.

तमिलनाडु सरकार का यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय के हाल के फैसले के बाद आया है. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि ‘तमिल थाई वजथु’ केवल एक प्रार्थना गीत है, यह राष्ट्रगान नहीं है. इसलिए, जब इसे गाया जाता है तो हर किसी को खड़े होने की आवश्यकता नहीं है.

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इस आशय के संबंध में एक शासकीय आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 55 सेकंड लंबे गीत को गाए जाने के दौरान दिव्यांगों को छोड़कर सभी लोगों को खड़े रहना चाहिए.

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मुख्यमंत्री ने शासकीय आदेश के हवाले से एक बयान में कहा कि इसे राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक मंचों पर किसी भी समारोह के शुरू होने से पहले गाया जाना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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