विरुधुनगर/लातूर : कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने संसद के अंदर लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो लोगों के अंदर कूदने की घटना पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने सुरक्षा में चूक बताते हुए है कि इस घटना से संसद में अव्यवस्था फैल गई. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा में आज का हमला बहुत दुखद और परेशान करने वाला है. इससे साफ पता चलता है कि संसद में कोई सुरक्षा नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के निर्माण के बाद कहा गया था कि आधुनिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है, लेकिन इस हमले से हमें दुख हुआ है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि कथित हमलावरों ने संसद की दर्शक दीर्घा से छलांग लगाकर अपने हाथों से धुआं निकालकर सांसदों को स्तब्ध कर दिया. इस घटना की वजह से सभी संसद सदस्यों को जल्दी से परिसर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि सुरक्षा अधिकारी चतुराई से संबंधित व्यक्तियों को पकड़ने में सफल रहे. सांसद टैगोर ने 2002 में संसद पर हुए हमले की तुलना करते हुए निराशा जताई. उन्होंने कहा कि संसद पर हमले के 22 साल बाद उसी दिन 2023 में फिर से भाजपा सरकार में संसद पर हमला शर्मनाक और चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि इस घटना से सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता में विशेषकर संसद भवन के निर्माण के बाद उन्नत श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर को लेकर सवाल उठने लगे है. इस दुस्साहसिक हमले के पीछे के इरादों और क्या सुरक्षा तंत्र में कोई चूक थी, यह निर्धारित करने के लिए जांच चल रही है. लेकिन यह घटना विधायी प्रक्रिया की पवित्रता के लिए एक गंभीर चुनौती है.
महाराष्ट्र के लातूर का अमोल शिंदे खेती का काम करता है
संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वालों में शामिल महाराष्ट्र के लातूर का अमोल शिंदे भी शामिल था. चाचूर तालुका के जरी (नवकुंडाची) के अमोल धनराज शिंदे की उम्र लगभग 25 वर्ष बताई गई है. चूंकि वह शिक्षित नहीं है, इसलिए वह खेती का काम करता है. उसका मराठा आरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है.अमोल शिंदे मातंग समुदाय से आता है और उनके माता-पिता भूमिहीन खेत मजदूर हैं और दूसरे लोगों के खेतों में काम करते हैं. अमोल शिंदे के दो भाई हैं. अमोल शिंदे लातूर के सांसद सुधाकर श्रृंगारे के तहसील का रहने वाला है.