चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने तंजावुर जिले के पेरावूरनी निर्वाचन क्षेत्र के द्रमुक विधायक अशोक कुमार (DMK MLA Ashok Kumar) द्वारा आयोजित मोई पर्व की कड़ी आलोचना की है, जिसमें 11 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे. बता दें कि अशोक कुमार तंजावुर जिले के पेरावूरानी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने पेरावूरानी-पट्टुकोट्टई रोड पर एक वेडिंग हॉल में मोई फेस्ट का आयोजन किया था.
इस दौरान यहा पर बड़ी संख्या में मीट का भोजन कराया गया था. इस मोई भोज में हजारों लोगों ने भाग लिया था. बताया जा रहा है कि इसमें करीब 15 हजार लोगों को खाना खिलाया गया था. वहीं इस सिलसिले में 11 करोड़ रुपये तक की वसूली होने की बात कही जा रही है. मोई फेस्ट में कलेक्शन अक्सर करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर जाता है, लेकिन इस बार इसमें एकत्र की राशि अब तक की सबसे अधिक राशि है. इस वजह से इसने अपनी ओर न केवल ध्यान खींचा बल्कि चर्चा का विषय भी बन गया.
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि पेरावरानी से डीएमके विधायक अशोक कुमार द्वारा आयोजित मोई फेस्ट में ग्यारह करोड़ रुपये की इतनी बड़ी राशि हासिल की गई. उन्होंने कहा कि द्रमुक विधायक ने अपने फायदे के लिए 8 हजार से अधिक लोगों को 100 बकरों के मटन और चिकन रोस्ट के रूप में भोजन परोसा था. इतना ही नहीं मोई पर्व में लगभग 40 कलेक्शन काउंटर बनाए गए थे जहां पर आने वाले लोग रुपये दे रहे थे.
वहीं कैश गिनने के लिए मनी काउंटिंग मशीन का सहारा लिया गया. इस दौरान लोगों ने एक हजार रुपये से लेकर कई हजार रुपये तक दिए. एक तरफ जहां दो लाख से अधिक रुपये पर चेक का ही इस्तेमाल करना चाहिए, साथ ही घर पर अधिक मुद्रा को रखना भी अपराध है. वहीं 50 हजार रुपये से अधिक का बैंक में भुगतान करने पर आयकर के द्वारा सवाल पूछा जा सकता है. हालांकि इस आयोजन के दौरान इन मानकों को दरकिनार कर दिया गया. वहीं सवाल उठता है कि क्या मोई पर्व में शामिल होने वाले सभी लोगों के पास अपनी सुविधा के अनुसार 1,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की मोई है.
इस मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें लोग कैश को मशीन से गिनते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं आने वाले लोग नकदी दे रहे हैं. इसको लेकर आयोजन करने वाले भले ही यह दिखाव करते हैं कि उनको उस रुपये से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अब लोग समझने लगे हैं.
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