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Tallest Shiv Statue: विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा का लोकार्पण आज, जुटेंगे दिग्गज

विश्वास स्वरूपम् का लोकार्पण महोत्सव संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित हो रहा है (Tallest Shiv Statue In nathdwara). आगाज आज 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक होगा. श्रीजी की धरा नाथद्वारा-राजसमंद में हो रहे इस अहम आयोजन में सीएम अशोक गहलोत भी आज शामिल होंगे. मुरारी बापू इस शिव प्रतिमा को विश्व को समर्पित करेंगे.

Tallest Shiv Statue
विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा
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Published : Oct 29, 2022, 10:40 AM IST

उदयपुर. नाथद्वारा में दुनिया की सबसे बड़ी शिव मूर्ति (nathdwara Vishwas Swaroopam ) का लोकार्पण कार्यक्रम आज से शुरू होगा (Tallest Shiv Statue In nathdwara). 369 फीट की विशाल शिव मूर्ति का लोकार्पण धूमधाम से होगा. पूरे 9 दिवसीय लोकार्पण महोत्सव का आयोजन है ये. इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल होंगे. ततपदम् उपवन द्वारा गणेश टेकरी पर निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण तथा संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित रामकथा महोत्सव के लिए संत मोरारी बापू नाथद्वारा पहुंच चुके है.आज राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज हस्तियां भी श्रीजी की नगरी पहुंचेंगे.

51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित है (Vishwas Swarupam Unveiling). जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते है.रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी विद्युत सज्जा की गई है. विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रोता नाथद्वारा पहुंच चुके है. शनिवार शाम 4 बजे मोरारी बापू विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे.

Tallest Shiv Statue
तत्पदम् उपवन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाथद्वारा आएंगे: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दोपहर 2 बजे विशेष विमान से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे तथा यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा नाथद्वारा जाएंगे. वे वहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर शाम 5.50 बजे पुनः हेलीकॉप्टर से डबोक एयरपोर्ट पहुंचकर शाम 6 बजे विशेष विमान से अहमदाबाद के लिए प्रस्थान कर जाएंगे.

दिग्गजों का जमावड़ा : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सी.पी. जोशी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पुनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़, आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, गुलाबचंद कटारिया, चिदानंद स्वामी, योग गुरू बाबा रामदेव, राजसमंद सांसद दिया कुमारी, चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी आदि भी शनिवार को इस ऐतिहासिक पल के साक्ष्य बनेंगे.

Tallest Shiv Statue
रात में भी दमकेंगे भोले बाबा

ये भी पढ़ें-369 फीट की शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का होगा लोकार्पण, यहां जानिए इससे जुड़ी खास बातें

सांस्कृतिक संध्या भी बांधेंगी समा: संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से नौ दिवसीय रामकथा के साथ ही चार दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जायेगा. सांस्कृतिक संध्या 2 नवम्बर से प्रारंभ होगी. 2 नवम्बर को गुजराती कलाकार सिद्धार्थ रांधेडिया, 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. 4 नवम्बर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें कवि कुमार विश्वास के साथ ही अन्य ख्याति प्राप्त कवि काव्य रस से माहौल को शिव रस से सरोबार करेंगे. सांस्कृतिक संध्या के अंतिम दिन 5 नवम्बर को सिंगर कैलाश खेर स्वर लहरियों से समा बांधेंगे.

एक नजर विश्वास स्वरूपम् पर: विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है, 369 फ़ीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी. जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) ऑस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

Tallest Shiv Statue
44 हजार स्क्वायर फ़ीट में गार्डन बन कर तैयार

जानिए कुछ खास बातें:

  • प्रतिमास्थल का नाम तत्पदम् उपवन रखा है.
  • 44 हजार स्क्वायर फ़ीट में गार्डन बन कर तैयार हो गए हैं
  • 52 हजार स्क्वायर फ़ीट में तीन हर्बल गार्डन होंगे
  • विभिन प्रकार की जड़ी बूटियों के पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं.
  • नाथद्वारा नगर के गणेश टेकरी पर बनी इस शिव प्रतिमा के लिए 110 फीट ऊंचा आधार बनाया गया है
  • मूर्ति की कुल लंबाई 369 फीट है. शिव प्रतिमा के काम में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
  • ऊंचाई पर होने के कारण हवा के वेग तथा भूकम्प के अधिकतम दबाव को ध्यान में रख कर प्रतिमा का निर्माण किया गया है
  • 250 किमी रफ्तार से हवा चलने के दौरान भी प्रतिमा पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा
  • भूकंप हवा के वेग सहित सुरक्षा का ध्यान रखा गया है.
  • 20 किमी की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से भी यह दिखाई देती है
    Tallest Shiv Statue
    अल्हड़ मुद्रा में भोलेनाथ

महादेव विशाल:

  • करीब 30 हजार टन है प्रतिमा का वजन
  • 315 फीट की ऊंचाई तक बना है त्रिशूल
  • 16 फीट ऊंचा है महादेव का जूड़ा
  • 18 फ़ीट की स्टील की गंगा
  • 60 फीट लंबा बना है महादेव का चेहरा
  • 275 फीट की ऊंचाई पर गर्दन
  • 260 फीट की ऊंचाई पर कंधा
  • 175 फीट की ऊंचाई पर महादेव का कमरबंद
  • 150 फीट है पंजे से घुटने तक की ऊंचाई
  • 65 फीट लंबा पंजा जहां लोग कर सकेंगे चरण वंदना
  • 280 फ़ीट ऊंचाई पर एक कान से दूसरे कान तक जाने के लिए ग्लास ब्रिज
  • प्रतिमा को स्टील रॉड के मॉड्यूल की सहायता से बनाया गया है.
  • स्टील से हर एक फीट पर सरिए की मदद से ढांचा तैयार कर इसमें कंकरीट भरी गई है.

प्रतिदिन एक लाख लोगों का भोजन प्रसाद: भोजनशाला की तैयारियों को देखते हुए समझा जा सकता है कि प्रतिदिन यहां लाख लोग भोजन प्रसाद लेंगे. सर्विस काउण्टर तक सामग्री पहुंचाने के लिये यहां ओवरहेड कन्वेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है जो कि अपने आप में अद्भूत हैं. आयोजन का हिस्सा बनने वाले लोगों ने ठहरने के लिए महीनों पहले होटल आदि की एडवांस बुकिंग करवा दी थी.

उदयपुर. नाथद्वारा में दुनिया की सबसे बड़ी शिव मूर्ति (nathdwara Vishwas Swaroopam ) का लोकार्पण कार्यक्रम आज से शुरू होगा (Tallest Shiv Statue In nathdwara). 369 फीट की विशाल शिव मूर्ति का लोकार्पण धूमधाम से होगा. पूरे 9 दिवसीय लोकार्पण महोत्सव का आयोजन है ये. इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल होंगे. ततपदम् उपवन द्वारा गणेश टेकरी पर निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण तथा संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित रामकथा महोत्सव के लिए संत मोरारी बापू नाथद्वारा पहुंच चुके है.आज राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कई दिग्गज हस्तियां भी श्रीजी की नगरी पहुंचेंगे.

51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित है (Vishwas Swarupam Unveiling). जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते है.रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी विद्युत सज्जा की गई है. विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रोता नाथद्वारा पहुंच चुके है. शनिवार शाम 4 बजे मोरारी बापू विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे.

Tallest Shiv Statue
तत्पदम् उपवन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाथद्वारा आएंगे: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दोपहर 2 बजे विशेष विमान से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे तथा यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा नाथद्वारा जाएंगे. वे वहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर शाम 5.50 बजे पुनः हेलीकॉप्टर से डबोक एयरपोर्ट पहुंचकर शाम 6 बजे विशेष विमान से अहमदाबाद के लिए प्रस्थान कर जाएंगे.

दिग्गजों का जमावड़ा : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सी.पी. जोशी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पुनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड़, आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, गुलाबचंद कटारिया, चिदानंद स्वामी, योग गुरू बाबा रामदेव, राजसमंद सांसद दिया कुमारी, चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी. जोशी आदि भी शनिवार को इस ऐतिहासिक पल के साक्ष्य बनेंगे.

Tallest Shiv Statue
रात में भी दमकेंगे भोले बाबा

ये भी पढ़ें-369 फीट की शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का होगा लोकार्पण, यहां जानिए इससे जुड़ी खास बातें

सांस्कृतिक संध्या भी बांधेंगी समा: संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से नौ दिवसीय रामकथा के साथ ही चार दिवसीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जायेगा. सांस्कृतिक संध्या 2 नवम्बर से प्रारंभ होगी. 2 नवम्बर को गुजराती कलाकार सिद्धार्थ रांधेडिया, 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. हंसराज रघुवंशी अपनी प्रस्तुति से शिव भाव प्रकट करेंगे. 4 नवम्बर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें कवि कुमार विश्वास के साथ ही अन्य ख्याति प्राप्त कवि काव्य रस से माहौल को शिव रस से सरोबार करेंगे. सांस्कृतिक संध्या के अंतिम दिन 5 नवम्बर को सिंगर कैलाश खेर स्वर लहरियों से समा बांधेंगे.

एक नजर विश्वास स्वरूपम् पर: विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है, 369 फ़ीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी. जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) ऑस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

Tallest Shiv Statue
44 हजार स्क्वायर फ़ीट में गार्डन बन कर तैयार

जानिए कुछ खास बातें:

  • प्रतिमास्थल का नाम तत्पदम् उपवन रखा है.
  • 44 हजार स्क्वायर फ़ीट में गार्डन बन कर तैयार हो गए हैं
  • 52 हजार स्क्वायर फ़ीट में तीन हर्बल गार्डन होंगे
  • विभिन प्रकार की जड़ी बूटियों के पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं.
  • नाथद्वारा नगर के गणेश टेकरी पर बनी इस शिव प्रतिमा के लिए 110 फीट ऊंचा आधार बनाया गया है
  • मूर्ति की कुल लंबाई 369 फीट है. शिव प्रतिमा के काम में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
  • ऊंचाई पर होने के कारण हवा के वेग तथा भूकम्प के अधिकतम दबाव को ध्यान में रख कर प्रतिमा का निर्माण किया गया है
  • 250 किमी रफ्तार से हवा चलने के दौरान भी प्रतिमा पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा
  • भूकंप हवा के वेग सहित सुरक्षा का ध्यान रखा गया है.
  • 20 किमी की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से भी यह दिखाई देती है
    Tallest Shiv Statue
    अल्हड़ मुद्रा में भोलेनाथ

महादेव विशाल:

  • करीब 30 हजार टन है प्रतिमा का वजन
  • 315 फीट की ऊंचाई तक बना है त्रिशूल
  • 16 फीट ऊंचा है महादेव का जूड़ा
  • 18 फ़ीट की स्टील की गंगा
  • 60 फीट लंबा बना है महादेव का चेहरा
  • 275 फीट की ऊंचाई पर गर्दन
  • 260 फीट की ऊंचाई पर कंधा
  • 175 फीट की ऊंचाई पर महादेव का कमरबंद
  • 150 फीट है पंजे से घुटने तक की ऊंचाई
  • 65 फीट लंबा पंजा जहां लोग कर सकेंगे चरण वंदना
  • 280 फ़ीट ऊंचाई पर एक कान से दूसरे कान तक जाने के लिए ग्लास ब्रिज
  • प्रतिमा को स्टील रॉड के मॉड्यूल की सहायता से बनाया गया है.
  • स्टील से हर एक फीट पर सरिए की मदद से ढांचा तैयार कर इसमें कंकरीट भरी गई है.

प्रतिदिन एक लाख लोगों का भोजन प्रसाद: भोजनशाला की तैयारियों को देखते हुए समझा जा सकता है कि प्रतिदिन यहां लाख लोग भोजन प्रसाद लेंगे. सर्विस काउण्टर तक सामग्री पहुंचाने के लिये यहां ओवरहेड कन्वेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है जो कि अपने आप में अद्भूत हैं. आयोजन का हिस्सा बनने वाले लोगों ने ठहरने के लिए महीनों पहले होटल आदि की एडवांस बुकिंग करवा दी थी.

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