बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार में मुख्यमंत्री के परिवर्तन से ज्यादा चर्चा इन दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर हो रही है.राज्य में नेतृत्व बदलने के मुद्दे पर बहस हो रही है. दरअसल भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष नलिन कुमार कतील का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है, इस पर बहस तेज हो गई है. वहीं, चुनावी साल होने के कारण चर्चा का महत्व बढ़ गया है. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चार नाम सामने आये हैं. इनमें राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि, केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, राजस्व मंत्री आर. अशोक और उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथनारायण का नाम चर्चा में है. हालांकि, पूर्व सीएम येदियुरप्पा समेत कई लोगों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष का बदलना महज एक अफवाह है.
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ के बारे में क्या कहते हैं सीटी रवि शोभा: पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं पार्टी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करूं. येदियुरप्पा सरकार में मंत्री से मुझे तब पार्टी संगठन के काम के लिए बुलाया गया था. मैंने चुनाव के दौरान तमिलनाडु, केरल और गोवा राज्यों की जिम्मेदारी ली. मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. अब अगर नई जिम्मेदारी दी जाएगी तो मैं चुनौती लूंगा लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव के लिए उत्सुक नहीं है. केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे को केंद्र सरकार के कैबिनेट में शामिल किया गया है. वह हाल ही में राज्य मंत्री के रूप में शामिल हुईं हैं. करंदलाजे ने स्पष्ट किया है कि जल्द ही कोई बदलाव नहीं होगा, नेतृत्व परिवर्तन का सवाल ही नहीं.
राजस्व मंत्री आर. अशोक : ऐसा कहा जा रहा है कि राजस्व मंत्री आर. अशोक. की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है. इसलिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनका पसंदीदा नहीं है. उनका प्रयास बोम्मई मंत्रिमंडल में बने रहने और बैंगलोर के विकास का प्रभार लेना है. कहा जाता है कि अश्वत्थ नारायण राज्य मंत्रिमंडल में बने रहने की इच्छा रखते हैं.
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कतील का कार्यकाल : ये सब बातें इसलिए हो रही है क्योंकि कतील का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है. लेकिन, 2022 अभी खत्म नहीं हुआ है. उनका कार्यकाल वर्ष 2023 में समाप्त होने वाला है. कतील को 2019 में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. फिर 16 जनवरी 2020 को तीन साल की अवधि के लिए उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. इस प्रकार उनकी अवधि 15 जनवरी 2023 को समाप्त होने वाली है. इसलिए भाजपा नेता भी कह रहे हैं कि कतील चुनाव खत्म होने तक पद पर बने रहेंगे.