ETV Bharat / bharat

तालिबान दोहा में किए गए वादे पर खरा नहीं उतरा : विदेश मंत्री - डॉ जयशंकर

अफगानिस्तान में जारी संकट (ongoing crisis in Afghanistan) के मद्देनजर विदेश मंत्री (External Affairs Minister) डॉ जयशंकर (Dr Jaishankar ) ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने ने राजनीतिक दलों के सांसदों से बताया कि तालिबान दोहा में किए गए वादे पर खरे नहीं उतरे.

विदेश मंत्री
विदेश मंत्री
author img

By

Published : Aug 26, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 9:31 PM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में जारी संकट (ongoing crisis in Afghanistan) के मद्देनजर विदेश मंत्री (External Affairs Minister) डॉ जयशंकर (Dr Jaishankar ) ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालना (evacuating Indian nationals) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं (Briefing the floor leaders) को जानकारी देते हुए, जयशंकर ने उन्हें अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति (critical situation in Afghanistan ) से अवगत कराया और कहा कि भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहा है. बैठक में मुख्य रूप से सरकार के निकासी मिशन (evacuation mission ) और युद्धग्रस्त राष्ट्र (war torn nation)में स्थिति के समग्र मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया.

सरकारी सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री ने राजनीतिक दलों के सांसदों से दोहराया कि तालिबान दोहा में किए गए वादे पर खरे नहीं उतरा.

क्या है दोहा समझौता?

फरवरी 2020 में अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए दोहा समझौते ( Doha agreement ) पर कई राज्यों और तालिबान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते में अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी (withdrawal of all American and NATO troops), के बदले तालिबान ने अपने ली थी. साथ ही इसमें तालिबान और अफगान सरकार के बीच चल रही बातचीत भी शामिल थी.

विदेशमंत्री ने आज सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में 31 दलों के 37 नेताओं ने भाग लिया. उन सभी को धन्यवाद! अफगानिस्तान पर राष्ट्रीय भावना (national sentiment on Afghanistan) लंबे समय से चली आ रही है. इसलिए, अब घटनाक्रम पर राष्ट्रीय चिंता है. हम एक राष्ट्रीय भावना के साथ इकट्ठे हुए हैं.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, 'हमने विशेष रूप से हवाई अड्डे पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में निकासी अभियान चलाया है.'

उन्होंने कहा कि हमारी चिंता और निकासी करना है और दीर्घकालिक हित (long term interest) अफगान लोगों के साथ दोस्ती है.

विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, जहां तक ​​अफगानिस्तान की स्थिति का सवाल है, भारत ने चुप रहने और प्रतीक्षा करने और वेट एंड वॉच (wait and watch)की नीति अपनाने का फैसला किया है.

बता दें कि फ्लोर मीटिंग में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी भाग लिया.

इसके अलावा, विशेष सत्र में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) सहित कई अन्य राजनीतिक दल के नेताओं की भागीदारी देखी गई.

पढ़ें - सर्वदलीय बैठक खत्म, विदेश मंत्री बोले- लोगों को निकालने के लिए सब कुछ कर रही है सरकार

इस बैठक में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Shringla) भी इसमें शामिल हुए. जयशंकर ने बाद में बताया कि विदेश मंत्रालय के 24X7 विशेष अफगानिस्तान सेल के तहत अब तक 15,000 अनुरोध प्राप्त हुए हैं.

अब तक अफगानिस्तान से सिख और हिंदुओं सहित 800 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है.

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के साथ, दुनिया अफगानिस्तान में फैली एक बड़ी त्रासदी को देख रही है. तालिबान ने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था.

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में जारी संकट (ongoing crisis in Afghanistan) के मद्देनजर विदेश मंत्री (External Affairs Minister) डॉ जयशंकर (Dr Jaishankar ) ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालना (evacuating Indian nationals) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं (Briefing the floor leaders) को जानकारी देते हुए, जयशंकर ने उन्हें अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति (critical situation in Afghanistan ) से अवगत कराया और कहा कि भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश कर रहा है. बैठक में मुख्य रूप से सरकार के निकासी मिशन (evacuation mission ) और युद्धग्रस्त राष्ट्र (war torn nation)में स्थिति के समग्र मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया.

सरकारी सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री ने राजनीतिक दलों के सांसदों से दोहराया कि तालिबान दोहा में किए गए वादे पर खरे नहीं उतरा.

क्या है दोहा समझौता?

फरवरी 2020 में अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए दोहा समझौते ( Doha agreement ) पर कई राज्यों और तालिबान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते में अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी (withdrawal of all American and NATO troops), के बदले तालिबान ने अपने ली थी. साथ ही इसमें तालिबान और अफगान सरकार के बीच चल रही बातचीत भी शामिल थी.

विदेशमंत्री ने आज सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में 31 दलों के 37 नेताओं ने भाग लिया. उन सभी को धन्यवाद! अफगानिस्तान पर राष्ट्रीय भावना (national sentiment on Afghanistan) लंबे समय से चली आ रही है. इसलिए, अब घटनाक्रम पर राष्ट्रीय चिंता है. हम एक राष्ट्रीय भावना के साथ इकट्ठे हुए हैं.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, 'हमने विशेष रूप से हवाई अड्डे पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में निकासी अभियान चलाया है.'

उन्होंने कहा कि हमारी चिंता और निकासी करना है और दीर्घकालिक हित (long term interest) अफगान लोगों के साथ दोस्ती है.

विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, जहां तक ​​अफगानिस्तान की स्थिति का सवाल है, भारत ने चुप रहने और प्रतीक्षा करने और वेट एंड वॉच (wait and watch)की नीति अपनाने का फैसला किया है.

बता दें कि फ्लोर मीटिंग में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी भाग लिया.

इसके अलावा, विशेष सत्र में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) सहित कई अन्य राजनीतिक दल के नेताओं की भागीदारी देखी गई.

पढ़ें - सर्वदलीय बैठक खत्म, विदेश मंत्री बोले- लोगों को निकालने के लिए सब कुछ कर रही है सरकार

इस बैठक में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Shringla) भी इसमें शामिल हुए. जयशंकर ने बाद में बताया कि विदेश मंत्रालय के 24X7 विशेष अफगानिस्तान सेल के तहत अब तक 15,000 अनुरोध प्राप्त हुए हैं.

अब तक अफगानिस्तान से सिख और हिंदुओं सहित 800 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है.

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के साथ, दुनिया अफगानिस्तान में फैली एक बड़ी त्रासदी को देख रही है. तालिबान ने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था.

Last Updated : Aug 26, 2021, 9:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.