बेंगलुरु : कर्नाटक में टेक्स्ट बुक विवाद गरमाया हुआ है. इस मुद्दे पर विपक्षी दलों और बीजेपी आमने-सामने है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि बीजेपी सरकार टेक्स्ट बुक से कन्नड़ महापुरुषों से जुड़े चैप्टर को स्लेबस से हटा रही है. सरकार ने इस मुद्दे पर आरएसएस और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग की. मीटिंग में यह तय किया गया कि सरकार और पार्टी विपक्षी दलों के आरोपों का तथ्यों के साथ विरोध करेगी और जनता में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेगी.
सिलेबस में बदलाव के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच चामराजपेट स्थित आरएसएस कार्यालय केशव शिल्पा में संघ नेताओं की बीजेपी नेताओं के साथ तीन घंटों तक बैठक चली. इनमें केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे, शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश, मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी और पाठ्य पुस्तक संशोधन समिति के अध्यक्ष रोहित चक्रतीर्थ भी उपस्थित रहे. आरएसएस पदाधिकारियों ने राज्य के पाठ संशोधन पर चर्चा के लिए चुनिंदा भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था. इस मीटिंग में मंत्री नागेश ने पाठ्यक्रम में बदलाव से जुड़ा स्पष्टीकरण दिया.
शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने आरएसएस को टेक्स्ट रिवीजन के बारे में जानकारी. उन्होंने बताया कि कौन से टेक्स्ट रिवाइज किए गए हैं? दस्तावेज़ीकरण के साथ कौन सा नया पाठ जोड़ा गया था. उन्होंने स्पष्ट किया और कहा कि नारायणगुरु से जुड़ा चैप्टर सिलेबस से नहीं निकाला गया है. नारायण गुरु की जीवनी 10वीं कक्षा का सामाजिक विज्ञान और कन्नड़ भाषा के पाठ में शामिल है. सातवीं कक्षा के पाठ में नारायण गुरु का पाठ अभी भी है. मंत्री ने समझाया कि भले ही पाठ्य पुस्तक से पाठ नहीं निकाला गया हो, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. पाठ्यपुस्तक पुनरीक्षण समिति के अध्यक्ष रोहित चक्रतीर्थ ने भी सिलेबस में संशोधन की जानकारी दी.
लंबी मंत्रणा के बाद आरएसएस नेताओं ने भाजपा नेताओं और प्रवक्ताओं को आरोपों का जोरदार जवाब देने का निर्देश दिया है. आरएसएस ने कहा कि भाजपा नेताओं को सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रम दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए, नहीं तो आरोप सच जैसा दिखने लगेगा. संघ पदाधिकारियों ने बीजेपी नेताओं को विपक्षी दलों के आरोपों का सबूतों के साथ जवाब देने की सलाह दी. आरएसएस प्रमुख ने बीजेपी नेताओं को हिदायत दी है कि अगर सिलेबस के बारे में भ्रम को दूर नहीं हुआ तो इससे पार्टी को नुकसान होगा. कुवेम्पु, अम्बेडकर और बसवन्ना के बारे में जो भ्रम और विवाद सामने आया है, उसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए. बैठक में पूर्व सीएम सदानंद गौड़ा, विधायक एन.महेश, सांसद प्रताप सिन्हा, जग्गेश, पूर्णिमा श्रीनिवास, मालविका अविनाश, पूर्व एमएलसी अश्वथ नारायण, तेजस्वी गौड़ा, राजकुमार तेलकुर, कुमार बंगारप्पा, चक्रवर्ती सूलीबेले, अरुण कुमार भी मौजूद रहे.
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