श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के नातिपोरा की 22 वर्षीय अरिबा बचपन से ही सुंदर दस्तकारी की शौकीन रही हैं. वह अक्सर अपने दोस्तों और अन्य प्रियजनों के लिए सुंदर चीजें बनाती रही हैं.
सईदा कहती है कि जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी, तभी से इस कला को पेशे के रूप में चुनने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि शुरुआत में, मुझे स्थानीय विक्रेता से बाद में कच्चा माल मिलता था, जब मांग बढ़ी तो, मैंने दिल्ली से सामग्री आयात करना शुरू कर दिया.
22 वर्षीय आरिबा ने सिविल इंजीनियरिंग में बी-टेक किया है और वर्तमान में जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) परीक्षा की तैयारी कर रही हैं और पीएचडी करने का इरादा रखती हैं. उन्होंने गेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है.
अपने व्यवसाय के बारे में बोलते हुए वह कहती हैं, 'मुझे अपने इंस्टाग्राम पेज पर ऑर्डर मिलते हैं. मैं आवश्यकता के अनुसार प्रोडक्ट्स तैयार करती हूं और फिर उत्पाद को मेरे या मेरे चचेरे भाइयों द्वारा वितरित किया जाता है. हाथ से बने उत्पाद थोड़े महंगे होते हैं, क्योकि क्वालिटी बेहतर होती है.'
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युवा महिला कलाकार सईदा अरिबा का कहना है कि उसने अनुच्छेद 370 और 35A के निरस्त होने और कोरोना वायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन के बाद भी अच्छा पैसा कमाया है. अरिबा ने दावा किया कि वह सभी आवश्यक सावधानी बरत रही है, जिसे महामारी में बरतने की आवश्यकता है. डिलीवरी के पहले उसके सभी उत्पादों को सैनेटाइज किया जाता है.