तिरुवनंतपुरम : केरल उच्च न्यायालय ने दो नवंबर को स्वपना सुरेश और सात अन्य को राजनयिक संपर्कों के माध्यम से सनसनीखेज सोना तस्करी के संबंध में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के मामले में जमानत देते हुए कहा था कि जो आरोप उन पर लगे हैं, प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि उन्होंने कथित रूप से कोई आतंकवादी कृत्य किया है.
आधिकारिक जमानत की कार्यवाही पूरी करने के बाद वह यहां अट्टाकुलंगरा में वनिता जेल से रिहा हुईं. यहां वह पिछले डेढ़ साल से बंद थीं. उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करने से इनकार कर दिया. वह जेल से अपनी मां के साथ जिले में अपने आवास के लिए निकल गईं. अदालत ने उन्हें इतनी ही राशि के लिए दो मुचलकों के साथ 25 लाख रुपये की जमानत राशि अदा करने पर जमानत दी.
एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीमा शुल्क ने पांच जुलाई, 2020 को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक के सामान से 15 करोड़ रुपये के सोने की जब्ती के संबंध में अलग-अलग जांच की.
इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर, यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारियों, सुरेश और सरित पी एस सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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(पीटीआई-भाषा)