हरिद्वार : गंगा की अविरलता और निर्मलता की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार कुंभ-2021 को इतिहास का कलंकित कुंभ बताया है. उनका कहना है कि जिस राज्य में अधर्म का बोलबाला होता है, वहां पर धर्म के कार्य करने में काफी कठिनाई आती है. जिसका परिणाम आप इस समय देख रहे हैं कि किस तरह कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है.
श्रद्धालुओं को लौटाना अधर्म से कम नहीं
मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने कुंभ मेला प्रशासन व पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि शाही स्नान के दौरान वीआईपी और वीवीआईपी का कुंभ मेला क्षेत्र में आना बिल्कुल प्रतिबंध है. बावजूद इसके उन्हें प्रवेश दिया गया. साथ ही जो लोग इतनी श्रद्धा भाव से हरिद्वार कुंभ में आना चाहते थे, उन्हें कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट होने के बावजूद भी लौटाया गया. जोकि किसी अधर्म से कम नहीं है.
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कुंभ का योग नहीं, फिर भी हुआ शाही स्नान
स्वामी शिवानंद ने कहा कि जिन दिनों कुंभ का योग नहीं था, उन दिनों तो शाही स्नान हुए. जिसमें सभी महात्माओं और श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान करने की अनुमति दी गई. जिस दिन यानी 14 अप्रैल से 14 मई कुंभ योग बन रहे हैं. उसमें संन्यासी अखाड़े स्नान नहीं कर रहे हैं.
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श्रद्धालुओं को मां गंगा तक पहुंचने से रोकना
वहीं, कुंभ मेला पुलिस के इंतजाम पर बोलते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि 13 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण करने के लिए डीआईजी खुद सड़कों पर उतर गए. इतनी फोर्स के बावजूद आखिर उन्हें यह सब क्यों करना पड़ा है वही जानें. शाही स्नानों के दौरान कुंभ मेला पुलिस का उद्देश्य मां गंगा में स्नान कराना नहीं, बल्कि हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को मां गंगा तक पहुंचने से रोकना है.