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टीएमसी नेता का दावा, 'नंदीग्राम से शुभेंदु अधिकारी की जीत संदिग्ध, मैं उसका गवाह हूं'

भाजपा छोड़कर टीएमसी ज्वाइन करने वाले जेपी मजूमदार ने कहा कि नंदीग्राम में मतगणना प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी. हाथ की सफाई से शुभेंदु ने अचानक ममता बनर्जी को पछाड़ दिया, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था. राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बंधोपाध्याय ने भी दावा किया कि मजूमदार के दावे 100 प्रतिशत सच हैं.

Suvendhu adhikari
शुभेंदु अधिकारी
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Published : Mar 13, 2022, 3:41 PM IST

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में आने के कुछ दिनों बाद वरिष्ठ नेता जॉय प्रकाश मजूमदार ने यह कहकर एक विवाद छेड़ दिया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से निष्पक्ष तरीके से जीत हासिल नहीं की. मजूमदार को जनवरी के अंतिम सप्ताह में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा द्वारा निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी के पूर्व मेदिनीपुर के निर्वाचन क्षेत्र से विजेता घोषित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद अधिकारी ने सीट कैसे जीती, यह चौंकाने वाला था.

तृणमूल कांग्रेस के नवनियुक्त उपाध्यक्ष, किसी समय ममता बनर्जी के घोर आलोचक थे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे याद है कि शुभेंदु ने 2 मई की रात को कहा था कि नंदीग्राम जीतने के लिए उन्हें हथकंडा अपनाना होगा. मजूमदार ने कहा कि नंदीग्राम में मतगणना प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी. हाथ की सफाई से शुभेंदु ने अचानक ममता बनर्जी को पछाड़ दिया, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था. राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बंधोपाध्याय ने भी दावा किया कि मजूमदार के दावे 100 प्रतिशत सच हैं. बंधोपाध्याय ने भाजपा के टिकट पर डोमजूर से चुनाव लड़ा था और हार गए थे तथा उसके बाद टीएमसी में लौट गए थे.

बंधोपाध्याय ने कहा कि मैं जानता हूं कि शुभेंदु अधिकारी को निष्पक्ष तरीके से विजेता घोषित नहीं किया गया था. मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मजूमदार और बंधोपाध्याय टीएमसी में शामिल होने के बाद अपने असली रंग दिखा रहे हैं. भट्टाचार्य ने कहा कि मजूमदार नयी पार्टी सुप्रीमो के सामने अपनी रेटिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके खिलाफ उन्होंने अतीत में भद्दी टिप्पणी की थी. भाजपा प्रेस ब्रीफिंग में उनकी टिप्पणियों के फुटेज अब भी उपलब्ध हैं. क्या वह अब उन सभी टिप्पणियों को वापस लेंगे ?

राजीव बंधोपाध्याय के बारे में बात करते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुझे लगता है कि वह ये झूठे दावे करके टीएमसी सुप्रीमो को प्रभावित करना चाहते हैं. यह देखते हुए कि उन्हें टीएमसी के मामलों को देखने के लिए त्रिपुरा स्थानांतरित कर दिया गया है, डोमजूर के पूर्व विधायक वापस आने की पूरी कोशिश कर रहे होंगे. चुनाव आयोग के अनुसार, अधिकारी ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को 1900 से अधिक मतों से हराया. टीएमसी सुप्रीमो के सीट जीतने की खबरों के कुछ ही घंटों बाद यह घोषणा की गई. बाद में बनर्जी ने नंदीग्राम के चुनावी परिणाम को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था. वह 2021 में बाद में भवानीपुर से विधानसभा के लिए चुनी गईं.

ये भी पढे़ं : ममता का बड़ा दांव, उपचुनाव में 'बिहारी बाबू' को बनाया आसनसोल लोकसभा से उम्मीदवार

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में आने के कुछ दिनों बाद वरिष्ठ नेता जॉय प्रकाश मजूमदार ने यह कहकर एक विवाद छेड़ दिया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से निष्पक्ष तरीके से जीत हासिल नहीं की. मजूमदार को जनवरी के अंतिम सप्ताह में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा द्वारा निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी के पूर्व मेदिनीपुर के निर्वाचन क्षेत्र से विजेता घोषित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद अधिकारी ने सीट कैसे जीती, यह चौंकाने वाला था.

तृणमूल कांग्रेस के नवनियुक्त उपाध्यक्ष, किसी समय ममता बनर्जी के घोर आलोचक थे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे याद है कि शुभेंदु ने 2 मई की रात को कहा था कि नंदीग्राम जीतने के लिए उन्हें हथकंडा अपनाना होगा. मजूमदार ने कहा कि नंदीग्राम में मतगणना प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी. हाथ की सफाई से शुभेंदु ने अचानक ममता बनर्जी को पछाड़ दिया, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था. राज्य के पूर्व मंत्री राजीव बंधोपाध्याय ने भी दावा किया कि मजूमदार के दावे 100 प्रतिशत सच हैं. बंधोपाध्याय ने भाजपा के टिकट पर डोमजूर से चुनाव लड़ा था और हार गए थे तथा उसके बाद टीएमसी में लौट गए थे.

बंधोपाध्याय ने कहा कि मैं जानता हूं कि शुभेंदु अधिकारी को निष्पक्ष तरीके से विजेता घोषित नहीं किया गया था. मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मजूमदार और बंधोपाध्याय टीएमसी में शामिल होने के बाद अपने असली रंग दिखा रहे हैं. भट्टाचार्य ने कहा कि मजूमदार नयी पार्टी सुप्रीमो के सामने अपनी रेटिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके खिलाफ उन्होंने अतीत में भद्दी टिप्पणी की थी. भाजपा प्रेस ब्रीफिंग में उनकी टिप्पणियों के फुटेज अब भी उपलब्ध हैं. क्या वह अब उन सभी टिप्पणियों को वापस लेंगे ?

राजीव बंधोपाध्याय के बारे में बात करते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुझे लगता है कि वह ये झूठे दावे करके टीएमसी सुप्रीमो को प्रभावित करना चाहते हैं. यह देखते हुए कि उन्हें टीएमसी के मामलों को देखने के लिए त्रिपुरा स्थानांतरित कर दिया गया है, डोमजूर के पूर्व विधायक वापस आने की पूरी कोशिश कर रहे होंगे. चुनाव आयोग के अनुसार, अधिकारी ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को 1900 से अधिक मतों से हराया. टीएमसी सुप्रीमो के सीट जीतने की खबरों के कुछ ही घंटों बाद यह घोषणा की गई. बाद में बनर्जी ने नंदीग्राम के चुनावी परिणाम को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था. वह 2021 में बाद में भवानीपुर से विधानसभा के लिए चुनी गईं.

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