हैदराबाद: केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसी) ने तेलंगाना के आईपीएस अधिकारी अंजनी कुमार पर लगाया गया निलंबन हटा लिया है. विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के वक्त अंजनी कुमार राज्य के डीजीपी थे. नतीजे आने पर वह रेवंत रेड्डी से उनके आवास पर मिले और उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था.
अंजनी कुमार को चुनाव मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया था. उन्होंने चुनाव आयोग को इस बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं किया है. अंजनी कुमार ने बताया कि चुनाव नतीजों के दिन रेवंत रेड्डी ने उन्हें बुलाया था और इसीलिए वह उनसे मिले थे. उन्होंने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा. उनकी अपील पर विचार करने के बाद चुनाव आयोग ने निलंबन हटाने का फैसला किया. चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को इस बात की जानकारी दी.
बता दें कि चुनाव आयोग ने मतगणना के दिन (3 दिसंबर) तेलंगाना के डीजीपी अंजनी कुमार को राज्य कांग्रेस प्रमुख ए रेवंत रेड्डी से उनके आवास पर मुलाकात करने के कुछ घंटों बाद निलंबित कर दिया था. उस समय विधानसभा चुनावों की गिनती चल रही थी. चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और स्टार प्रचारक रेवंत रेड्डी को मीडिया के सामने डीजीपी की कॉल को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया था. इसके बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक रवि गुप्ता को तत्काल प्रभाव से पूर्ण अतिरिक्त प्रभार के साथ डीजीपी नियुक्त किया गया.
चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया और निष्पक्ष प्रवर्तन गतिविधियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस का निष्पक्ष आचरण महत्वपूर्ण है. आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि डीजीपी राज्य पुलिस बल का प्रमुख होता है और उससे अपने व्यक्तिगत निष्पक्ष आचरण द्वारा एक उदाहरण स्थापित करके राज्य की संपूर्ण पुलिस सेवाओं का नेतृत्व करने की उम्मीद की जाती है.