नई दिल्ली : दिल्ली में रेस्तरां और बार के मालिकों ने शहर में डाइन-इन सुविधाएं बंद करवाने के डीडीएमए के फैसले पर मंगलवार को निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि केलव टेकअवे सेवाएं से किराया, कर्मचारियों का वेतन, नहीं निकल सकता है. इससे कई व्यवसाय प्रभावित होंगे.
उन्होंने कहा कि यह अन्याय है कि शहर में रेस्तरां और बार बंद किए जा रहे हैं, जबकि सड़क किनारे भोजनालय खुले हैं और मेट्रो ट्रेनें और बसें पूरी क्षमता से चल रही हैं. उन्होंने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है.
बता दें कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आदेश जारी कर शहर के रेस्तरां और बार बंद करने का भी निर्देश दिया था. इसके अलावा आदेश में कहा गया कि रेस्तरां को घर पर भोजन पहुंचाने की सुविधा देने की अनुमति है. इसके अलावा लोग रेस्तरां से पैक कराकर भोजन ले जा सकते हैं.
आदेश में कहा गया है, ऐसा पाया गया है कि (ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों समेत) कोविड-19 के मामले पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रहे हैं और लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 23 प्रतिशत से अधिक हो गई है.
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इसमें कहा गया है, इसलिए यह महसूस किया गया कि दिल्ली में अत्यंत संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप समेत कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए और प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता है.
आदेश में कहा गया है, छूट प्राप्त श्रेणी के तहत आने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे. घर से काम करने की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. सभी रेस्तरां और बार बंद रहेंगे. रेस्तरां को घर पर भोजन पहुंचाने की सुविधा देने की अनुमति है. इसके अलावा लोग रेस्तरां से पैक कराकर भोजन ले जा सकते हैं.