कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार सुष्मिता देव पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं. किसी अन्य राजनीतिक दल ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. सुष्मिता देव एक महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुई थीं.
राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरा करने की कोशिश करेंगी.
सुष्मिता देव ने कहा, पश्चिम बंगाल मेरा दूसरा घर है. मैं पहली बार निर्विरोध निर्वाचित हुई हूं और यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कारण संभव हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में पूरे देश में विपक्ष का एकमात्र चेहरा ममता बनर्जी हैं. देव ने कहा कि ममता बनर्जी आने वाले दिनों में देश को भाजपा के शासन से मुक्त करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करेंगी.
सुष्मिता देव ने कहा कि वह संसद के भीतर बंगाल और पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए आवाज उठाएंगी. वह किसानों, छोटे व्यापारियों और मजदूर वर्ग के लिए आवाज उठाएंगी.
बता दें कि सोमवार को केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम से और एल मुरुगन मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए. भाजपा के उम्मीदवार एस. सेल्वागणपति पुडुचेरी से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर निर्विरोध निर्वाचित हुए. पुडुचेरी से भाजपा का पहली बार उच्च सदन में प्रतिनिधित्व हो रहा है.
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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के दो उम्मीदवारों कनिमोई एनवीएन सोमू और केआरएन राजेशकुमार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया. द्रमुक के इन दोनों सदस्यों के निर्वाचित होने के साथ ही राज्यसभा में अब पार्टी के सदस्यों की संख्या मौजूदा आठ से दस हो गई है. वहीं अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के सदस्यों की संख्या घटकर पांच रह गई है.