रांचीः छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. दोनों राज्य मिलकर एक साथ नक्सलियों के खिलाफ जॉइंट अभियान भी चला रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नक्सली बाधक न बने.
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सिमडेगा, गुमला, चाईबासा और गढ़वा में विशेष निगरानीः छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर से विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाने वाला है. 7 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा. ऐसे में झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गई है. झारखंड पुलिस के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर अलर्ट होने के पीछे कई वजहें हैं. दरअसल झारखंड के सिमडेगा, गुमला, चाईबासा और गढ़वा जैसे जिलों की सीमाएं सीधे छत्तीसगढ़ से जुड़ी हुई हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सली अक्सर अपने आप को सुरक्षित करने के लिए झारखंड आ जाते हैं, वहीं जब झारखंड में दबाव बढ़ता है तब छत्तीसगढ़ की और कूच कर जाते हैं. छत्तीसगढ़ चुनाव में भी नक्सली बड़े बाधक हैं. ऐसे में झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस के बैठक में तय किया गया था कि दोनों राज्य मिलकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेंगे. लिए गए निर्णय के आधार पर ही झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पुलिस अलर्ट हो गई है.
सीसीटीवी से निगरानीः रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के द्वारा कई निर्देश जारी किए गए हैं. उन्ही निर्देशों के आधार पर झारखंड पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है. सिमडेगा और गुमला से सटे छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर सीसीटीवी कैमरे अस्थाई तौर पर लगाए जा रहे हैं. झारखंड पुलिस की कोशिश है कि छत्तीसगढ़ बॉर्डर की निगरानी पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे के जरिए की जाए. सीसीटीवी लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं .
मोबाइल चेक पोस्ट एक्टिवः झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मोबाइल चेक पोस्ट के जरिए पूरे बॉर्डर की निगरानी रखी जा रही है. वहीं अधिकांश स्थानों पर स्थाई चेकपोस्ट बना दिया गया है. चेक पोस्ट पर झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं.
कड़ी नजर रखने का निर्देशः झारखंड छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों के आवागमन के साथ-साथ अवैध शराब, अवैध हथियार और नशे के दूसरे सामानों के आवाजाही पर पूरी तरह से ब्रेक लगाने के लिए जवानों को कड़ी नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है. सिमडेगा और गुमला पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन मीटिंग भी कई बार हो चुकी है. मीटिंग में दोनों तरफ मूव करने वाले नक्सलियों और अपराधियों की सूची भी एक दूसरे को सौपी गई है ताकि उन पर नजर रखी जा सके.
कैश को लेकर विशेष सतर्कताः नक्सलियों, अपराधियों और नशे के खेत के अलावा झारखंड पुलिस के जवानों को यह विशेष निर्देश दिया गया है कि वह पैसे के आवागमन को लेकर विशेष ध्यान रखें. चुनाव आयोग के द्वारा जारी किए गए निर्देश से अधिक अगर किसी भी वाहन से पैसे बरामद होते हैं तो उसे तुरंत जब्त किया जाए और मामले की जानकारी वरीय अफसरों को दी जाए. सीमा क्षेत्र में किसी भी वाहन को बिना चेक किए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.