दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में कुल 14 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसके साथ ही उन्होंने लाल आतंक को अलविदा कह दिया है. इन माओवादियों में दो नक्सली इनामी हैं. दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय के सामने सभी 14 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में अधिकांश मलांगिर एरिया कमेटी और कटेकल्याण एरिया कमेटी के सदस्य हैं. जिनमें दो नक्सलियों पर एक एक लाख रुपये का इनाम घोषित है.
ऑपरेशन मानसून से बौखलाए नक्सली: दंतेवाड़ा के नक्सलग्रस्त इलाकों में सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार ऑपरेशन मानसून चलाया जा रहा है. जिससे नक्सली बौखलाए हुए हैं. इस वजह से मंगलवार को नक्सली गतिविधि को अंजाम देने की फिराक में चार नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई. लगातार सुरक्षाबलों के सर्च ऑपरेशन चलाए जाने के बाद से अब लाल आतंक बैकफुट पर है. यही वजह है कि बुधवार को एक साथ 14 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया. छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और लोन वर्राटू अभियान की वजह से यह सफलता हासिल हुई है. सरेंडर करने वाले अधिकांश नक्सली लोगों को नक्सल संगठन में शामिल कराने का काम करते थे. इसके अलावा ये सभी नक्सली बैनर पोस्टर लगाने और नक्सल गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी काम करते थे.
"छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को देखते हुए दंतेवाड़ा के सभी ब्लॉक में सुरक्षा बलों ने सर्चिंग बढ़ा दी है. इस कार्य में हमे सफलता भी मिल रही है. अंदरुनी क्षेत्र में लगातार सर्चिंग होने की वजह से नक्सली बैकफुट पर हैं. इसके साथ ही कई नक्सलियों में हिंसा का रास्ता छोड़ने की भावना पैदा हुई. अब ये नक्सली सरेंडर कर अच्छा जीवन जीने की इच्छा रख रहे हैं. यही वजह है कि 14 नक्सलियों ने सरेंडर कर अच्छा जीवन जीने की प्रतिज्ञा ली है. अब तक कुल 629 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें कुल 161 इनामी नक्सली है. इसमें सुरक्षाबलों की भूमिका इनको सरेंडर कराने में ज्यादा रहा है"- गौरव राय, एसपी
नक्सलग्रस्त इलाकों में पुलिस पर बढ़ा लोगों का विश्वास: दंतेवाड़ा के एसपी बताते हैं कि "नक्सलग्रस्त इलाकों में लगातार पुलिस प्रशासन की सुरक्षा से लोग खुश हैं. यहां के अंदरुनी इलाकों में लोगों का विकास हो रहा है. जिससे अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. अब गांव वाले बेझिझक होकर सुरक्षाबलों को अपनी समस्या बताते हैं. इस वजह से भी जिला प्रशआसन को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सफलता मिल रही है"
बीते दो दिनों में नक्सलियों के 18 साथी लाल आतंक का साथ छोड़ चुके हैं. ऐसे में इन नक्सलियों के नक्सल संगठन छोड़ने से माओवादियों की ताकत कमजोर होगी. जो कि सुरक्षाबलों के लिए अच्छी बात है.