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बंगाल के चिकित्सकों ने सीईसी से कहा- रैलियों एवं मतदान केंद्रों में अनिवार्य हो मास्क

चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं. इस पर पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के एक संयुक्त मंच ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चिंता जताई है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

मास्क अनिवार्य
मास्क अनिवार्य
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Published : Mar 21, 2021, 1:54 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के एक संयुक्त मंच ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य में राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा प्रोटोकॉल के पूरी तरह से गायब होने पर चिंता जताई.

चिकित्सकों ने कोरोना अस्पतालों में बिस्तर के साथ ही राज्य में नि:शुल्क वेंटिलेटर की अनुपलब्धता का भी उल्लेख किया.

डॉ. हीरालाल कोनार और डॉ. पुण्यब्रत गुन ने ज्वाइंट प्लेटफार्म आफ डाक्टर्स की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि पिछले सात दिनों से पश्चिम बंगाल में कोविड-19 पीड़ितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. कई रोगियों के शरीर में कोविड-19 के नए प्रकार पाए गए हैं.

उन्होंने लिखा है कि यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि नियमित रूप से की जाने वाली जांच की संख्या पहले की तुलना में बहुत कम है.

ज्वाइंट प्लेटफार्म आफ डाक्टर्स में 30,000 से अधिक डॉक्टर हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 39,726 नए मामले सामने आए जो कि इस साल एक दिन में अभी तक सामने आए मामलों की सबसे बड़ी संख्या है.

चिकित्सकों ने कहा कि कई रोगियों को अब एक बार फिर कोविड आईसीयू में भर्ती किया जा रहा है और बिस्तर और साथ ही नि: शुल्क वेंटिलेटर की कमी है, जहां दूसरी लहर की शुरुआत के बारे में निश्चितता के साथ कोई निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है, यह प्रवृत्ति काफी चिंताजनक है.

पढ़ें :- भारत में 100 में से कोरोना की सात वैक्सीन हो रही बर्बाद, जानें वजह

उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों की रैलियों और बैठकों के आयोजन में सुरक्षा प्रोटोकॉल पूरी तरह से गायब हो गए हैं.

डॉक्टरों ने पत्र में कहा कि राज्य में 10 करोड़ लोगों में से अभी तक केवल 20.3 लाख लोगों को ही टीका लगाया गया है.

उन्होंने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने को कहा कि चुनावी रैलियों और मतदान केंद्रों में मास्क लगाना अनिवार्य किया जाए.

डॉक्टरों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के लिए रोजाना कम से कम 30,000 नमूनों की जांच की जानी चाहिए.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के एक संयुक्त मंच ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य में राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा प्रोटोकॉल के पूरी तरह से गायब होने पर चिंता जताई.

चिकित्सकों ने कोरोना अस्पतालों में बिस्तर के साथ ही राज्य में नि:शुल्क वेंटिलेटर की अनुपलब्धता का भी उल्लेख किया.

डॉ. हीरालाल कोनार और डॉ. पुण्यब्रत गुन ने ज्वाइंट प्लेटफार्म आफ डाक्टर्स की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि पिछले सात दिनों से पश्चिम बंगाल में कोविड-19 पीड़ितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. कई रोगियों के शरीर में कोविड-19 के नए प्रकार पाए गए हैं.

उन्होंने लिखा है कि यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि नियमित रूप से की जाने वाली जांच की संख्या पहले की तुलना में बहुत कम है.

ज्वाइंट प्लेटफार्म आफ डाक्टर्स में 30,000 से अधिक डॉक्टर हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 39,726 नए मामले सामने आए जो कि इस साल एक दिन में अभी तक सामने आए मामलों की सबसे बड़ी संख्या है.

चिकित्सकों ने कहा कि कई रोगियों को अब एक बार फिर कोविड आईसीयू में भर्ती किया जा रहा है और बिस्तर और साथ ही नि: शुल्क वेंटिलेटर की कमी है, जहां दूसरी लहर की शुरुआत के बारे में निश्चितता के साथ कोई निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है, यह प्रवृत्ति काफी चिंताजनक है.

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उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों की रैलियों और बैठकों के आयोजन में सुरक्षा प्रोटोकॉल पूरी तरह से गायब हो गए हैं.

डॉक्टरों ने पत्र में कहा कि राज्य में 10 करोड़ लोगों में से अभी तक केवल 20.3 लाख लोगों को ही टीका लगाया गया है.

उन्होंने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने को कहा कि चुनावी रैलियों और मतदान केंद्रों में मास्क लगाना अनिवार्य किया जाए.

डॉक्टरों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के लिए रोजाना कम से कम 30,000 नमूनों की जांच की जानी चाहिए.

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