सूरत : गुजरात पुलिस ने पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी 'इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस' (आईएसआई) के लिए कथित तौर पर काम करने और जासूसी करने के आरोप में मंगलवार को सूरत से 33 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी (Surat man held for spying for ISI).
उन्होंने बताया कि पुणे स्थित सेना के दक्षिणी कमान से मिली सैन्य खुफिया जानकारी के आधार पर अपराध शाखा की टीम ने सूरत से दीपक किशोर भाई सालुंखे नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया.
सूरत के भुवनेश्वरी नगर निवासी यह व्यक्ति एक दुकानदार है और सूत्रों ने उसके दुकान की पहचान 'साई फैशंस' के रूप में की है. एक सूत्र ने बताया, 'आईएसआई एजेंट को आगे की कार्रवाई के लिए गुजरात पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) को सौंपा जा रहा है.' सूत्रों ने बताया कि सालुंखे 'धन की लेन-देन का काम करता था और महत्वपूर्ण सूचनाओं के बदले में मौजूदा अधिकारियों और असैन्य नागरिकों को पैसे देता था.'
सूत्र ने बताया, 'वह पाकिस्तान स्थित अपने दो आकाओं हामीद और काशिफ के संपर्क में था और उनके साथ संवेदनशील सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया में संलिप्त था.'
सूरत के पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया कि, आरोपी के खिलाफ देशद्रोह की धारा दर्ज कर शिकायत दर्ज कर ली गई है. आरोपी दीपक सालुंके फेसबुक पर पूनम शर्मा नाम से फर्जी आईडी चला रहा था. इसी बीच फेसबुक के जरिए वह पाकिस्तान के रहने वाले हामिद के संपर्क में आया. वह जून से हामिद के संपर्क में था. बातचीत के दौरान हामिद ने आईएसआई एजेंट होने की बात कबूल की.
दुकान में करता था जासूसी गतिविधियां: आरोपी दीपक सालोके सूरत के भुवनेश्वरी नगर इलाके की योगेश्वर पार्क सोसाइटी में रहता था. पैसों की गतिविधियां भी आम नागरिकों की तरह ही थीं. किसी को उस पर शक न हो इसलिए उसने सूरत में साईं फैशन नाम से एक दुकान खोली और उसका संचालन किया. आरोपी दुकान में रहकर अपनी जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. और अहम जानकारियां देने के बदले पैसे लेता था.
सेना से जुड़ी गुप्त जानकारी साझा कीं : आरोपी दीपक सालुंके ने भारतीय सेना से जुड़ी बेहद संवेदनशील गोपनीय जानकारी उन लोगों से साझा की, जो खुद को पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट बताते थे. जिसके लिए हामिद ने आरोपितों को 75 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. आईएसआई एजेंट दीपक किशोर दो पाकिस्तानी हैंडलर हामिद और काशिफ के संपर्क में था और इन पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करता था. पाकिस्तानी आकाओं को आरोपियों से जो भी जानकारी चाहिए थी.
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(भाषा इनपुट के साथ)