नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग वाली याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट. दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है. ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी.
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National Human Rights Commission alarmed over the increasing air pollution in Delhi-NCR; dissatisfied with the steps taken, asks Chief Secretaries of Punjab, Haryana, Uttar Pradesh and Delhi to be present before it on 10th November
— ANI (@ANI) November 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 4, 2022
एनएचआरसी ने मुख्य सचिवों को किया तलब: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जतायी है. आयोग ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने को लेकर उठाए गए कदमों पर नाराजगी जतायी. इसे लेकर आयोग ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को 10 नवंबर को पेश होने को कहा है.
राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता अत्यंत खराब होने की वजह से चारों ओर धुंध छाया है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 472 (गंभीर) श्रेणी में है. वहीं, नोएडा में भी एक्यूआई लेवल 562 यानी 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है.
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में जहरीली हो रही हवा के बीच बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है, जिसे लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. बढ़ते प्रदूषण के बीच स्कूल को बंद कर देने की मांग होने लगी है. मांग है कि एक बार फिर ऑनलाइन मोड में क्लासेस शुरू की जाए.
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यहां बताते चलें कि अभिभावक संघ, एक्सपर्ट, यह मांग कर रहे हैं कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है, इसलिए स्कूलों को बंद कर देना चाहिए. गौर करने वाली बात यह है कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर ग्रेप (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में चौथे चरण को लागू करने का आदेश दिया है. इस आदेश में कहा गया है कि प्रदूषण की इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार स्कूल -कॉलेज को बंद करने को लेकर फैसला ले सकती है, साथ ही जिन बच्चों में किसी तरह की बीमारी है, उन्हे इंडोर और आउटडोर आयोजित होने वाली गतिविधियों से दूर रहने के लिए कहा गया है.