नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court), 'रामसेतु' को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के अनुरोध वाली याचिका को सुनवाई के वास्ते 26 जुलाई को सूचीबद्ध करने के लिए बुधवार को सहमत हो गया. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका में न्यायालय से केंद्र सरकार को ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
रामसेतु, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पंबन द्वीप और मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की बनी एक श्रृंखला है. प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने स्वामी ओर से दाखिल किए एक प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें इस 'महत्वपूर्ण तथा छोटे से मामले' को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था. मजाक करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'इसे मेरे सेवानिवृत्त होने के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा.'
इसके बाद, प्रधान न्यायाधीश ने याचिका को सुनवाई के लिए 26 जुलाई को सूचीबद्ध किया. भाजपा के नेता ने प्रतिवेदन में कहा था कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं, जिसमें केंद्र ने रामसेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था. उनके मुताबिक, संबंधित केंद्रीय मंत्री ने इस मांग पर विचार करने के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ.
स्वामी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई विवादास्पद 'सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना' के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था.
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(पीटीआई-भाषा)