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नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई के लिए विचार करेगा उच्चतम न्यायालय - महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Maharashtra Minister Nawab Malik) की रिहाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए विचार करेगा.

Supreme Court to consider listing Nawab Malik's petition for hearing
नवाब मलिक
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Published : Apr 13, 2022, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Maharashtra Minister Nawab Malik) की रिहाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए विचार करेगा. मलिक ने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद नेता मलिक की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा. मलिक ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है.

पढ़ें: धनशोधन मामले में नवाब मलिक के कई ठिकानों पर ED की छापेमारी

बुधवार को पीठ ने कहा कि कृपया कागजात दीजिए. सिब्बल ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून 2005 में लागू हुआ था. मंत्री पर 2000 से पहले किए गए कथित अपराधों के लिए आरोप लगाया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहायकों से कथित तौर पर जुड़े संपत्ति सौदे के सिलसिले में मलिक को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के तुरंत बाद मलिक ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी और हिरासत के आदेशों को चुनौती दी थी.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Maharashtra Minister Nawab Malik) की रिहाई से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए विचार करेगा. मलिक ने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जेल में बंद नेता मलिक की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा. मलिक ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है.

पढ़ें: धनशोधन मामले में नवाब मलिक के कई ठिकानों पर ED की छापेमारी

बुधवार को पीठ ने कहा कि कृपया कागजात दीजिए. सिब्बल ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून 2005 में लागू हुआ था. मंत्री पर 2000 से पहले किए गए कथित अपराधों के लिए आरोप लगाया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहायकों से कथित तौर पर जुड़े संपत्ति सौदे के सिलसिले में मलिक को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के तुरंत बाद मलिक ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी और हिरासत के आदेशों को चुनौती दी थी.

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