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कोविड-19 : दवा विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

उच्चतम न्यायालय ने आज केरल उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा, जिसमें आयुष डॉक्टरों को कोविड-19 के इलाज के लिए दवाओं का विज्ञापन करने या उन्हें निर्धारित करने से रोक दिया गया था.

supreme court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 2, 2020, 4:39 PM IST

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने पहले की सुनवाई में कहा था कि इस तरह के आदेश को पारित करने में उच्च न्यायालय गलत नहीं था.

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि आयुर्वेद का इस्तेमाल इम्युनिटी बूस्टर के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इलाज के तौर पर नहीं.

पढ़ें: नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले पर फैसला जनवरी में संभव

आज केंद्र ने अदालत को यह भी बताया कि होम्योपैथी और आयुष चिकित्सक केवल प्रतिरक्षा बूस्टर लिख सकते हैं. अदालत ने एसजी की अधीनता पर ध्यान दिया और अपना फैसला सुरक्षित रखा.

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने पहले की सुनवाई में कहा था कि इस तरह के आदेश को पारित करने में उच्च न्यायालय गलत नहीं था.

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि आयुर्वेद का इस्तेमाल इम्युनिटी बूस्टर के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इलाज के तौर पर नहीं.

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आज केंद्र ने अदालत को यह भी बताया कि होम्योपैथी और आयुष चिकित्सक केवल प्रतिरक्षा बूस्टर लिख सकते हैं. अदालत ने एसजी की अधीनता पर ध्यान दिया और अपना फैसला सुरक्षित रखा.

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