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महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से सर्वोच्च न्यायालय का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर पहले से ही बंबई उच्च न्यायालय विचार कर रहा है.

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Published : Mar 24, 2023, 10:55 PM IST

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजी नगर' करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले पर बंबई उच्च न्यायालय विचार कर रहा है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि अब बम्बई उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हों. उच्च न्यायालय के पास यह मामला पहले से ही लंबित है.

मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने औरंगाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी. औरंगाबाद मंडल आयुक्त ने चार मार्च, 2020 को लिखे एक पत्र में शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजी नगर' करने का प्रस्ताव दिया था. यह मामला जैसे ही सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष आया, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय सोमवार (27 मार्च) को मामले की सुनवाई करने वाला है.

इसके बाद अदालत ने कहा कि इस मामले का निपटारा पहले वहां (मुंबई उच्च न्यायालय में) कराने की बात कही. बता दें कि इस दौरान कुछ सामाजिक संगठनों ने कैविएट दाखिल कर उनकी बात सुनने का अनुरोध किया था. सुनवाई के दौरान देवगिरी प्रतिष्ठान की ओर से पैरवी करते हुए कहा गया कि मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती है.

पढ़ें: Bilkis Bano Case : बिल्कीस बानो मामला में सुप्रीम कोर्ट ने नयी पीठ गठित की, 27 मार्च को होगी सुनवाई

नाम परिवर्तन के पक्ष में याचिकाकर्ता विनोद पाटिल ने बताया कि उस समय याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. केंद्र सरकार द्वारा औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया गया है. उसके बाद, नामांतर विरोधी कार्रवाई समिति तुरंत सुप्रीम कोर्ट गई और फैसले को चुनौती दी. नाम बदलने का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता मुश्ताक अहमद ने पहले भी याचिका दायर की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजी नगर' करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले पर बंबई उच्च न्यायालय विचार कर रहा है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि अब बम्बई उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हों. उच्च न्यायालय के पास यह मामला पहले से ही लंबित है.

मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने औरंगाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी. औरंगाबाद मंडल आयुक्त ने चार मार्च, 2020 को लिखे एक पत्र में शहर का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजी नगर' करने का प्रस्ताव दिया था. यह मामला जैसे ही सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष आया, राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय सोमवार (27 मार्च) को मामले की सुनवाई करने वाला है.

इसके बाद अदालत ने कहा कि इस मामले का निपटारा पहले वहां (मुंबई उच्च न्यायालय में) कराने की बात कही. बता दें कि इस दौरान कुछ सामाजिक संगठनों ने कैविएट दाखिल कर उनकी बात सुनने का अनुरोध किया था. सुनवाई के दौरान देवगिरी प्रतिष्ठान की ओर से पैरवी करते हुए कहा गया कि मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती है.

पढ़ें: Bilkis Bano Case : बिल्कीस बानो मामला में सुप्रीम कोर्ट ने नयी पीठ गठित की, 27 मार्च को होगी सुनवाई

नाम परिवर्तन के पक्ष में याचिकाकर्ता विनोद पाटिल ने बताया कि उस समय याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. केंद्र सरकार द्वारा औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया गया है. उसके बाद, नामांतर विरोधी कार्रवाई समिति तुरंत सुप्रीम कोर्ट गई और फैसले को चुनौती दी. नाम बदलने का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता मुश्ताक अहमद ने पहले भी याचिका दायर की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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