नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव हिंसा मामले में जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक स्थगित किया जाए.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि मामले में घोष के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.
शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया.
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घोष ने अधिवक्ता समीर कुमार के मार्फत दायर अपनी याचिका में कहा कि 19 फरवरी 2019 को उनके (घोष के) खिलाफ दर्ज सिलसिलेवार झूठे मामलों में शीर्ष न्यायालय ने उन्हें किसी तरह की 'कठोर कार्रवाई से' राहत प्रदान की थी, इसके बावजूद भी उन्हें राजनीतिक बदले की भावना के कारण नये मामलों में फंसाया जा रहा है.