नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी (Supreme Court order Rajasthan government)करते हुए कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को दो सप्ताह के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने अनुग्रह राशि का भुगतान करने के आवेदन खारिज करने के संबंध में राजस्थान सरकार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर विवरण (compensation to children orphaned due to Covid0 देने का भी आदेश दिया.
पीठ ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को इन अर्जियों पर गौर करने तथा इसके बाद चार सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लेने को कहा. न्यायालय ने कहा कि जहां तक अनाथों को मुआवजा देने के लिए लंबित अर्जियों का संबंध है तो हम राज्य को बाकी के उन आवेदनकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर भुगतान करने का निर्देश देते हैं जिनके माता-पिता की कोविड के कारण मृत्यु हो गई है.
राज्य सरकार ने शीर्ष न्यायालय को सूचित किया कि कोविड के कारण अनाथ हुए कुल 718 बच्चों में से 191 बच्चों को अनुग्रह राशि दी गई है. राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अधिवक्ता ने आत्महत्या करने वाले लोगों के मुद्दे पर पीठ को बताया कि जिला स्तर पर 9,077 आवेदन मिले, जिनमें से 551 लंबित हैं. 8,047 आवेदन मंजूर कर लिए गए और 479 खारिज कर दिए गए हैं.
शीर्ष न्यायालय ने पहले कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि देने पर उठाए कदम के ‘असंतोषजनक’ हलफनामे को लेकर राजस्थान सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि वह कोई खैरात नहीं बांट रही है. उच्चतम न्यायालय वकील गौरव कुमार बंसल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजस्थान सरकार महामारी के कारण मृत लोगों के परिवारों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने के 2021 के आदेश का पालन नहीं कर रही है.