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सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को किया अलग

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Published : Dec 13, 2022, 2:43 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 3:24 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने मंगलवार को बिल्कीस बानो द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें उसके सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू की, न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि उनकी साथी न्यायाधीश मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी.

न्यायमूर्ति रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने आदेश दिया, 'यह मामला एक ऐसी पीठ के समक्ष पेश किया जाए, जिसमें हममें से एक न्यायाधीश शामिल नहीं हो.' हालांकि, पीठ ने न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के सुनवाई से खुद को अलग करने के पीछे किसी कारण का उल्लेख नहीं किया.

पढ़ें: शीतकालीन सत्र 2022: तवांग झड़प मुद्दे पर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर ने बोला हमला

गौरतलब है कि गुजरात दंगों के दौरान बानो बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा हुए थे. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी थी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने मंगलवार को बिल्कीस बानो द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें उसके सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू की, न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि उनकी साथी न्यायाधीश मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी.

न्यायमूर्ति रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने आदेश दिया, 'यह मामला एक ऐसी पीठ के समक्ष पेश किया जाए, जिसमें हममें से एक न्यायाधीश शामिल नहीं हो.' हालांकि, पीठ ने न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के सुनवाई से खुद को अलग करने के पीछे किसी कारण का उल्लेख नहीं किया.

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गौरतलब है कि गुजरात दंगों के दौरान बानो बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा हुए थे. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी थी.

Last Updated : Dec 13, 2022, 3:24 PM IST
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