नई दिल्ली : कोरोना महामारी काे लेकर में ऑक्सीजन, दवा की आपूर्ति और अन्य विभिन्न नीतियों से संबंधित विषयों पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 13 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में कोरोना महामारी काे लेकर ऑक्सीजन की आपूर्ति, दवा की आपूर्ति और अन्य विभिन्न नीतियों से संबंधित विषयों पर सुनवाई हाेने वाली थी.
COVID-19 महामारी के दाैरान आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के वितरण से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले में उच्चतम न्यायालय में एक महत्वपूर्ण सुनवाई के बाद रविवार को मामले में केंद्र ने अपना हलफनामा दायर किया.
न्यायमूर्ति डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी. केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि UOI की COVID वैक्सीन रणनीति तत्काल, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर बनाई गई है. हलफनामे में कहा गया है कि टीके की उपलब्धता और कमजोर वर्गाें के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
आपकाे बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने इससे पूर्व केंद्र से दिल्ली को रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आगे की स्थिति के समाधान का निर्देश दिया था.
न्यायालय ने कहा था कि केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा जरूरत के आधार पर रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करे. साथ ही, निर्देश दिया कि दिल्ली में चिकित्सकीय ऑक्सीजन के आवंटन तथा उपलब्धता में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा था कि केंद्र ने 21 अप्रैल को कहा था कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और देश में 16,000 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन उपलब्ध है.
पीठ ने कहा, हम केंद्र सरकार को रोज 700 मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आगे समाधान करने का निर्देश देते हैं. न्यायालय ने उल्लेख किया कि छह मई को दिल्ली को 577 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गयी जो तय मात्रा से 123 मीट्रिक टन कम है.
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पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का निर्देश केंद्र द्वारा दिए गए आश्वासन पर आधारित है और पांच मई को उसने रोजाना 700 मीट्रिक टन आपूर्ति बहाल रखने को लेकर फिर से निर्देश दिया था.