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पत्रकार सिद्दीक कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत - सिद्दीक कप्पन मामले की सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका मंजूर कर ली है.

Kerala journalist Siddique Kappan
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन
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Published : Sep 9, 2022, 1:40 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 6:03 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जमानत दे दी, जिन्हें 5 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था. हाथरस में दलित लड़की से गैंगरेप-मर्डर मामले में सिद्दीक कप्पन (Kerala journalist Siddique Kappan) घटनास्थल पर जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया.

  • Supreme Court grants bail to Kerala journalist Siddique Kappan who was booked by UP government under the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) pic.twitter.com/9sKmRjbmDL

    — ANI (@ANI) September 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शीर्ष अदालत ने कप्पन को छह सप्ताह तक दिल्ली में रहने का निर्देश दिया और उसके बाद वह केरल में शिफ्ट हो सकेंगे. प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि पीड़िता को न्याय चाहिए. क्या यह कानून की नजर में अपराध होगा? पीठ ने आगे कहा कि 2011 में भी इंडिया गेट पर निर्भया के लिए विरोध प्रदर्शन हुए थे. बेंच में जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा, कभी-कभी बदलाव लाने के लिए विरोध की जरूरत होती है. आप जानते हैं कि उसके बाद कानूनों में बदलाव आया था. ये विरोध प्रदर्शन हैं.

यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि 5 अक्टूबर को, उन्होंने दंगा भड़काने के लिए हाथरस जाने का फैसला किया था. राज्य सरकार ने एक लिखित जवाब में कहा, जांच से पता चला है कि याचिकाकर्ता (कप्पन) सह-आरोपियों के साथ धार्मिक भावना को भड़काने की बड़ी साजिश का हिस्सा है. इसने आगे दावा किया कि कप्पन के लैपटॉप से और दिल्ली में उनके किराए के घर से बरामद दस्तावेज यह साबित करते हैं कि उनके पीएफआई से गहरे संबंध हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

पढ़ें: SC ने पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका पर यूपी सरकार से मांगा जवाब

हाथरस कांड के बाद जनता को भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार कप्पन सिद्दीक कप्पन की याचिका पर CJI जस्टिस यूयू ललित ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ मिला था? या कोई ऐसी सामग्री मिली, जिससे लगता हो कि वो वो साजिश रच रहा था.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जमानत दे दी, जिन्हें 5 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था. हाथरस में दलित लड़की से गैंगरेप-मर्डर मामले में सिद्दीक कप्पन (Kerala journalist Siddique Kappan) घटनास्थल पर जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया.

  • Supreme Court grants bail to Kerala journalist Siddique Kappan who was booked by UP government under the Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) pic.twitter.com/9sKmRjbmDL

    — ANI (@ANI) September 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शीर्ष अदालत ने कप्पन को छह सप्ताह तक दिल्ली में रहने का निर्देश दिया और उसके बाद वह केरल में शिफ्ट हो सकेंगे. प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि पीड़िता को न्याय चाहिए. क्या यह कानून की नजर में अपराध होगा? पीठ ने आगे कहा कि 2011 में भी इंडिया गेट पर निर्भया के लिए विरोध प्रदर्शन हुए थे. बेंच में जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा, कभी-कभी बदलाव लाने के लिए विरोध की जरूरत होती है. आप जानते हैं कि उसके बाद कानूनों में बदलाव आया था. ये विरोध प्रदर्शन हैं.

यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि 5 अक्टूबर को, उन्होंने दंगा भड़काने के लिए हाथरस जाने का फैसला किया था. राज्य सरकार ने एक लिखित जवाब में कहा, जांच से पता चला है कि याचिकाकर्ता (कप्पन) सह-आरोपियों के साथ धार्मिक भावना को भड़काने की बड़ी साजिश का हिस्सा है. इसने आगे दावा किया कि कप्पन के लैपटॉप से और दिल्ली में उनके किराए के घर से बरामद दस्तावेज यह साबित करते हैं कि उनके पीएफआई से गहरे संबंध हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

पढ़ें: SC ने पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका पर यूपी सरकार से मांगा जवाब

हाथरस कांड के बाद जनता को भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार कप्पन सिद्दीक कप्पन की याचिका पर CJI जस्टिस यूयू ललित ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ मिला था? या कोई ऐसी सामग्री मिली, जिससे लगता हो कि वो वो साजिश रच रहा था.

Last Updated : Sep 9, 2022, 6:03 PM IST
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