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Sheena Bora Murder Case: बेटी की हत्यारोपी इंद्राणी मुखर्जी को SC से मिली जमानत

बहुचर्चित शीना बोरा हत्या के मामले में उच्चतम न्यायालय ने आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. इंद्राणी मुखर्जी इस समय मुंबई के भायखला जेल में बंद हैं.

शीना बोरा मर्डर केस , Sheena Bora Murder Case
शीना बोरा मर्डर केस , Sheena Bora Murder Case
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Published : May 18, 2022, 11:43 AM IST

Updated : May 18, 2022, 3:53 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. याचिकाकर्ता यानी इंद्राणी मुखर्जी पर आरोप है कि उसने राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के लिव इन रिलेशन को देखते हुए हत्या की है. हालांकि इससे पहले इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका कई बार खारिज की जा चुकी है. इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी उनके ड्राइवर के कबूलनामे के बाद हुई थी, जिसने कहा था कि हत्या में इंद्राणी भी शामिल थीं.

याचिकाकर्ता यानी इंद्राणी मुखर्जी पर आरोप है कि उसने राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के लिव इन रिलेशन को देखते हुए हत्या की है. जो कि पीटर मुखर्जी की पूर्व पत्नी का बेटा है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता 6.5 वर्षों से हिरासत में है. उन्होंने कहा कि वह विशेष छूट की हकदार हैं. अभियोजन पक्ष द्वारा 237 गवाहों का हवाला दिया गया, जिनमें से 68 से पूछताछ की जा चुकी है.

पीठासीन अधिकारी 7 जून 2021 से 22 तक अवकाश पर हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गवाहों को देखते हुए मुकदमा जल्द पूरा नहीं किया जाएगा. उन्होंने इस अदालत के पहले के फैसलों पर भरोसा किया और तर्क दिया कि लंबे समय से सुनवाई के दौरान उपस्थित अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. सीडीआर से यह भी पता चलता है कि वह अपराध में शामिल थी.

कोर्ट ने कहा कि माना कि याचिकाकर्ता 6.5 साल से हिरासत में है. हम मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करने का इरादा नहीं रखते हैं. हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए भले ही 50% गवाहों को छोड़ दिया जाए लेकिन मुकदमा जल्द ही पूरा नहीं होगा. हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को रिहा किया जा सकता है. हम स्पष्ट करते हैं कि हमने कोई राय व्यक्त नहीं की है.

क्या है शीना बोरा हत्याकांड: अप्रैल 2012 में मुंबई पुलिस में शीना बोरा के अपहरण और हत्या का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया गया था. एक अन्य मामले में गिरफ्तार किए गए इंद्राणी के ड्राइवर ने बोरा की हत्या करना स्वीकार किया और मुंबई पुलिस को सूचित किया कि इंद्राणी हत्या में शामिल थी. सीबीआई ने 2015 में जांच शुरू की. इंदिरा को गिरफ्तार किया गया और उनके पति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्हें मार्च 2020 में एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दी गई थी.

कहां हैं इंद्राणी मुखर्जी: इंद्राणी मुखर्जी वर्तमान में भायखला जेल मुंबई में बंद हैं. उन्होंने दिसंबर, 2021 में सीबीआई को एक पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि वह एक कैदी का बयान दर्ज करने के लिए विशेष अदालत का रुख करेंगी, जिसने दावा किया कि वह कश्मीर में बोरा से मिला था. एक विशेष अदालत ने मुखर्जी के आवेदन को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने सीबीआई से मामले में जवाब दाखिल करने को कहा.

कब-कब खारिज हुई जमानत: 2016 में मेडिकल आधार पर मुखर्जी की पहली जमानत याचिका को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया. उसकी दूसरी याचिका सितंबर 2017 में खारिज कर दी गई. नवंबर 2018 में उसकी तीसरी याचिका को विशेष अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर वह रिहा हो जाती है तो वह सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. 2020 को फिर से उसकी जमानत इस आधार पर खारिज कर दी गई कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं. 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

यह भी पढ़ें- शीना बोरा मामले में नया मोड़: कश्‍मीर में शीना से मिली थी एक अधिकारी, CBI के सामने बयान देने को भी तैयार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. याचिकाकर्ता यानी इंद्राणी मुखर्जी पर आरोप है कि उसने राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के लिव इन रिलेशन को देखते हुए हत्या की है. हालांकि इससे पहले इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका कई बार खारिज की जा चुकी है. इंद्राणी मुखर्जी की गिरफ्तारी उनके ड्राइवर के कबूलनामे के बाद हुई थी, जिसने कहा था कि हत्या में इंद्राणी भी शामिल थीं.

याचिकाकर्ता यानी इंद्राणी मुखर्जी पर आरोप है कि उसने राहुल मुखर्जी के साथ अपनी बेटी के लिव इन रिलेशन को देखते हुए हत्या की है. जो कि पीटर मुखर्जी की पूर्व पत्नी का बेटा है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता 6.5 वर्षों से हिरासत में है. उन्होंने कहा कि वह विशेष छूट की हकदार हैं. अभियोजन पक्ष द्वारा 237 गवाहों का हवाला दिया गया, जिनमें से 68 से पूछताछ की जा चुकी है.

पीठासीन अधिकारी 7 जून 2021 से 22 तक अवकाश पर हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गवाहों को देखते हुए मुकदमा जल्द पूरा नहीं किया जाएगा. उन्होंने इस अदालत के पहले के फैसलों पर भरोसा किया और तर्क दिया कि लंबे समय से सुनवाई के दौरान उपस्थित अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. सीडीआर से यह भी पता चलता है कि वह अपराध में शामिल थी.

कोर्ट ने कहा कि माना कि याचिकाकर्ता 6.5 साल से हिरासत में है. हम मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करने का इरादा नहीं रखते हैं. हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए भले ही 50% गवाहों को छोड़ दिया जाए लेकिन मुकदमा जल्द ही पूरा नहीं होगा. हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को रिहा किया जा सकता है. हम स्पष्ट करते हैं कि हमने कोई राय व्यक्त नहीं की है.

क्या है शीना बोरा हत्याकांड: अप्रैल 2012 में मुंबई पुलिस में शीना बोरा के अपहरण और हत्या का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया गया था. एक अन्य मामले में गिरफ्तार किए गए इंद्राणी के ड्राइवर ने बोरा की हत्या करना स्वीकार किया और मुंबई पुलिस को सूचित किया कि इंद्राणी हत्या में शामिल थी. सीबीआई ने 2015 में जांच शुरू की. इंदिरा को गिरफ्तार किया गया और उनके पति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्हें मार्च 2020 में एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दी गई थी.

कहां हैं इंद्राणी मुखर्जी: इंद्राणी मुखर्जी वर्तमान में भायखला जेल मुंबई में बंद हैं. उन्होंने दिसंबर, 2021 में सीबीआई को एक पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि वह एक कैदी का बयान दर्ज करने के लिए विशेष अदालत का रुख करेंगी, जिसने दावा किया कि वह कश्मीर में बोरा से मिला था. एक विशेष अदालत ने मुखर्जी के आवेदन को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने सीबीआई से मामले में जवाब दाखिल करने को कहा.

कब-कब खारिज हुई जमानत: 2016 में मेडिकल आधार पर मुखर्जी की पहली जमानत याचिका को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया. उसकी दूसरी याचिका सितंबर 2017 में खारिज कर दी गई. नवंबर 2018 में उसकी तीसरी याचिका को विशेष अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर वह रिहा हो जाती है तो वह सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. 2020 को फिर से उसकी जमानत इस आधार पर खारिज कर दी गई कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं. 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

यह भी पढ़ें- शीना बोरा मामले में नया मोड़: कश्‍मीर में शीना से मिली थी एक अधिकारी, CBI के सामने बयान देने को भी तैयार

Last Updated : May 18, 2022, 3:53 PM IST
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