नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने तम्बाकू उत्पादों की तरह शराब की बोतलों पर भी स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि इस प्रकार के फैसले सरकार के नीति निर्माण क्षेत्र में आते हैं.
वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है, 'शराब सिगरेट से 10 गुणा अधिक हानिकारक है. अदालत के आदेशानुसार सिगरेट के पैकेट पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां अनिवार्य हैं और ऐसा ही निर्देश इस मामले में भी दिया जा सकता है.' पीठ ने आदेश में कहा, 'ये नीति संबंधी मामले हैं. अदालतें इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं.' पीठ ने कहा कि जहां तक शराब की बात है, तो कुछ सुझावों के अनुसार, यदि इसे संयमित मात्रा में लिया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छी है.
ये भी पढ़ें- पैगंबर विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने नविका कुमार के खिलाफ प्राथमिकियां दिल्ली पुलिस को सौंपी