नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर शराब रोकथाम नीति लाने का निर्देश देने की मांग की गई थी (national alcohol prevention policy). भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा, 'इसका एक राजस्व पहलू है और अगर कुछ मामलों में कुछ किया जाता है, तो आप उनके राजस्व को अवरुद्ध कर देंगे. इस राजस्व का उपयोग सामाजिक कारणों के लिए किया जाता है. यह दलील सरकार को नीति बनाने का निर्देश देने जैसा है, यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं है.'
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि यह मुद्दा भारत के संविधान के तहत समवर्ती सूची से संबंधित है, इसके बावजूद केंद्र इस मुद्दे पर पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है. वकील ने तर्क किया कि सरकार से इस संबंध में जवाब तलब किया जा सकता है. इस पर पीठ में शामिल रवींद्र भट ने कहा कि इससे क्या होगा. इसके साथ ही कहा कि पीठ इस पर कोई निर्देश नहीं देगी.
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