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HC के आदेश के खिलाफ मैट्रिक्स की याचिका पर सुनवाई को राजी SC

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Published : Jun 30, 2021, 6:41 AM IST

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उच्च न्यायालय के 27 मई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है. पीठ में न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया जाता है और तीन सप्ताह में इसका जवाब दिया जाये.

उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय मैट्रिक्स सेल्युलर (Supreme Court Matrix Cellular) (इंटरनेशनल) सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Services Private Limited) द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के उस आदेश के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर सुनवाई (Hearing on the petition filed against the order) के लिए मंगलवार को सहमत हो गया, जिसमें कोविड-19 महामारी (covid 19 pandemic) के बीच पुलिस द्वारा जब्त किए गए ऑक्सीजन सांद्रकों को छोड़ने के अनुरोध वाली याचिका (Petition requesting release of oxygen concentrators) को खारिज कर दिया था.

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन (Justice R F Nariman) की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी (Notice issued to Delhi Police) कर उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उच्च न्यायालय के 27 मई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

पीठ में न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया जाता है और तीन सप्ताह में इसका जवाब दिया जाये.

पढ़ें- असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय आंकड़े तैयार करने में केंद्र की उदासीनता अक्षम्य : न्यायालय

उच्च न्यायालय ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें जब्त किये गये सांद्रकों को छोड़े जाने का अनुरोध किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उसने ऐसे समय में झूठे अभ्यावेदन करके लोगों को हताश करने के लिए उस समय 'बिना जांच वाले' उपकरण बेचे, जब कोविड-19 मामलों में तेजी थी और मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी थी.

शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी याचिका में, कंपनी ने कहा है कि वह ऑक्सीजन सांद्रकों का 'कानूनी और वैध व्यवसाय' कर रही है और लागू कानून के तहत किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है. इसमें कहा गया है, क्योंकि वर्तमान याचिका दाखिल करने की तारीख तक भी ऑक्सीजन सांद्रक के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित कोई अधिकतम मूल्य नहीं है और इस तरह, याचिकाकर्ता पर 'अत्यधिक' दरों के आरोप संभवतः नहीं लगाए जा सकते हैं.

याचिका में कंपनी ने दावा किया है कि जब्ती अवैध थी. ऑक्सीजन सांद्रक की कथित कालाबाजारी के मामले में कंपनी के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया, जो इस समय जमानत पर है.

(भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय मैट्रिक्स सेल्युलर (Supreme Court Matrix Cellular) (इंटरनेशनल) सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Services Private Limited) द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के उस आदेश के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर सुनवाई (Hearing on the petition filed against the order) के लिए मंगलवार को सहमत हो गया, जिसमें कोविड-19 महामारी (covid 19 pandemic) के बीच पुलिस द्वारा जब्त किए गए ऑक्सीजन सांद्रकों को छोड़ने के अनुरोध वाली याचिका (Petition requesting release of oxygen concentrators) को खारिज कर दिया था.

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन (Justice R F Nariman) की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी (Notice issued to Delhi Police) कर उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें उच्च न्यायालय के 27 मई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

पीठ में न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया जाता है और तीन सप्ताह में इसका जवाब दिया जाये.

पढ़ें- असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय आंकड़े तैयार करने में केंद्र की उदासीनता अक्षम्य : न्यायालय

उच्च न्यायालय ने कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें जब्त किये गये सांद्रकों को छोड़े जाने का अनुरोध किया गया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि उसने ऐसे समय में झूठे अभ्यावेदन करके लोगों को हताश करने के लिए उस समय 'बिना जांच वाले' उपकरण बेचे, जब कोविड-19 मामलों में तेजी थी और मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी थी.

शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी याचिका में, कंपनी ने कहा है कि वह ऑक्सीजन सांद्रकों का 'कानूनी और वैध व्यवसाय' कर रही है और लागू कानून के तहत किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है. इसमें कहा गया है, क्योंकि वर्तमान याचिका दाखिल करने की तारीख तक भी ऑक्सीजन सांद्रक के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित कोई अधिकतम मूल्य नहीं है और इस तरह, याचिकाकर्ता पर 'अत्यधिक' दरों के आरोप संभवतः नहीं लगाए जा सकते हैं.

याचिका में कंपनी ने दावा किया है कि जब्ती अवैध थी. ऑक्सीजन सांद्रक की कथित कालाबाजारी के मामले में कंपनी के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया, जो इस समय जमानत पर है.

(भाषा)

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