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Supreme Court News : SC ने चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत पर सुनवाई स्थगित की, फाइबरनेट घोटाला मामले में 20 अक्टूबर तक कोई गिरफ्तार नहीं

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फाइबरनेट घोटाले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू (Former Chief Minister Chandrababu Naidu) की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले में 20 अक्टूबर तक गिरफ्तारी नहीं करने का निर्देश दिया. (FiberNet scam case, skill development scam case)

Former Chief Minister Chandrababu Naidu
पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2023, 8:07 PM IST

अमरावती : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फाइबरनेट घोटाले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Former Chief Minister Chandrababu Naidu) के द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को आश्वासन देकर अस्थायी राहत प्रदान की कि प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद भी उन्हें राज्य अपराध जांच विभाग के द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

इस संबंध में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत देने से पहले इनकार करने को चुनौती देने वाली नायडू की विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए कार्यवाही की अध्यक्षता की. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान न केवल एक नोटिस जारी किया बल्कि नायडू की आसन्न गिरफ्तारी की संभावना की चिंता जताए जाने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस को कोई भी कार्रवाई करने से परहेड करने का निर्देश दिया.

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 16 अक्टूबर को फाइबरनेट मामले के संबंध में नायडू को पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि कौशल विकास घोटाला मामले में प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद नायडू कानूनी परेशानियों के चक्र में फंसते दिख रहे थे.

अदालत के अनुरोध के बाद अपराध जांच विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आश्वासन दिया कि नायडू को बुधवार, 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हालांकि, समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई और इस व्यवस्था को शुक्रवार 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. फाइबरनेट घोटाला मामले के अलावा सुप्रीम कोर्ट कौशल विकास घोटाला मामले में दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है.

तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर राज्य में टीडीपी के कार्यकाल के समय एपी फाइबरनेट घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया है. वहीं आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया है कि आवश्यक योग्यताओं की कथित कमी के बाद भी नायडू ने फाइबरनेट अनुबंध से सम्मानित एक विशेष कंपनी का पक्ष लेने के लिए अधिकारियों पर अनुचित दबाव डाला था.

चंद्रबाबू नायडू की कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तारी के बाद अभियोजन पक्ष ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 263 के तहत एक याचिका दायर कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी. वहीं राज्य ने डिजिटल माध्यमों से अहम गवाहों और संदिग्ध साजिशकर्ताओं की जांच करने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए नायडू को आरोपी के रूप में शामिल करने में देरी की व्याख्या करने की मांग की है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है.

बता दें कि फाइबरनेट घोटाला मामले में नायडू की अग्रिम जमानत की याचिका आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. मामले में आरोपी के रूप में शामिल किए जाने के समय के बारे में नायडू की चिंताओं के जवाव में कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे जटिल अपराधों में जांच प्रक्रिया में स्वाभाविक रूप से समय लगता है.

ये भी पढ़ें - SC On Same-Sex Marriage: भारत में समलैंगिक शादी को मान्यता देने से SC का इनकार, सरकारों को दिये कई निर्देश

अमरावती : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फाइबरनेट घोटाले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Former Chief Minister Chandrababu Naidu) के द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को आश्वासन देकर अस्थायी राहत प्रदान की कि प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद भी उन्हें राज्य अपराध जांच विभाग के द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

इस संबंध में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत देने से पहले इनकार करने को चुनौती देने वाली नायडू की विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए कार्यवाही की अध्यक्षता की. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान न केवल एक नोटिस जारी किया बल्कि नायडू की आसन्न गिरफ्तारी की संभावना की चिंता जताए जाने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस को कोई भी कार्रवाई करने से परहेड करने का निर्देश दिया.

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 16 अक्टूबर को फाइबरनेट मामले के संबंध में नायडू को पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि कौशल विकास घोटाला मामले में प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद नायडू कानूनी परेशानियों के चक्र में फंसते दिख रहे थे.

अदालत के अनुरोध के बाद अपराध जांच विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आश्वासन दिया कि नायडू को बुधवार, 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हालांकि, समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई और इस व्यवस्था को शुक्रवार 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. फाइबरनेट घोटाला मामले के अलावा सुप्रीम कोर्ट कौशल विकास घोटाला मामले में दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है.

तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर राज्य में टीडीपी के कार्यकाल के समय एपी फाइबरनेट घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया है. वहीं आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया है कि आवश्यक योग्यताओं की कथित कमी के बाद भी नायडू ने फाइबरनेट अनुबंध से सम्मानित एक विशेष कंपनी का पक्ष लेने के लिए अधिकारियों पर अनुचित दबाव डाला था.

चंद्रबाबू नायडू की कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तारी के बाद अभियोजन पक्ष ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 263 के तहत एक याचिका दायर कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी. वहीं राज्य ने डिजिटल माध्यमों से अहम गवाहों और संदिग्ध साजिशकर्ताओं की जांच करने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए नायडू को आरोपी के रूप में शामिल करने में देरी की व्याख्या करने की मांग की है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है.

बता दें कि फाइबरनेट घोटाला मामले में नायडू की अग्रिम जमानत की याचिका आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. मामले में आरोपी के रूप में शामिल किए जाने के समय के बारे में नायडू की चिंताओं के जवाव में कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे जटिल अपराधों में जांच प्रक्रिया में स्वाभाविक रूप से समय लगता है.

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