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माफिया अतीक अहमद की सुरक्षा का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद माफिया अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके दावा किया है कि उसके परिवार को इस हत्याकांड के में आरोपी के रूप में फंसाया जा रहा है. सीएम योगी के बयान माफिया को मिट्टी में मिला देंगे को आधार बनाते हुए अतीक ने याचिका के जरिए कहा है कि उनके परिवार के सदस्यों के जीवन को वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा है

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Published : Mar 17, 2023, 6:15 PM IST

नई दिल्लीः माफिया और सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा का अनुरोध करते हुए याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. याचिका में जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने दावा किया है कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपी के रूप में फंसाया जा रहा है.

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतीक अहमद के अधिवक्ता द्वारा बयानों के कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. पीठ ने कहा, कि ‘‘प्रधान न्यायाधीश के समक्ष आवेदक के अधिवक्ता द्वारा तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया गया था. आज जब मामला सुनवाई के लिए आया है, तो अधिवक्ता ने दलील रखने में असमर्थता जताई. इसलिए मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें.’’

फिलहाल गुजरात के अहमदाबाद स्थित केंद्रीय कारागार में बंद अतीक अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें कथित तौर पर उन्हें ‘मिट्टी में मिला देने’ का दावा किया गया था. इस आधार पर अतीक अहमद ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन को ‘वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा’ है.

याचिका में अतीक अहमद ने कहा है कि पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उनकी ट्रांजिट रमांड की मांग करेगी. इसके अलावा उन्हें अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड पर लेगी. उन्हें लगता है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उनका खात्मा किया जा सकता है. अतीक अहमद ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया कि पुलिस हिरासत या पूछताछ के दौरान उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक चोट न पहुंचाई जाए.

अतीक ने याचिका के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को अहमदाबाद जेल से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य हिस्से में ले जाने से रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया. बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद की पिछले दिनों प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज में वर्ष 2015 के इस हत्याकांड में उमेश पाल एक अहम गवाह थे, जिसमें अतीक अहमद और अन्य मुख्य आरोपी हैं.

(भाषा)

ये भी पढ़ेंः माफिया अतीक अहमद के बेटे की बैरक में पुलिस का छापा, नैनी सेंट्रल जेल में क्यों ली गई तलाशी, यहां जानें

नई दिल्लीः माफिया और सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा का अनुरोध करते हुए याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. याचिका में जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने दावा किया है कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपी के रूप में फंसाया जा रहा है.

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतीक अहमद के अधिवक्ता द्वारा बयानों के कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. पीठ ने कहा, कि ‘‘प्रधान न्यायाधीश के समक्ष आवेदक के अधिवक्ता द्वारा तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया गया था. आज जब मामला सुनवाई के लिए आया है, तो अधिवक्ता ने दलील रखने में असमर्थता जताई. इसलिए मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें.’’

फिलहाल गुजरात के अहमदाबाद स्थित केंद्रीय कारागार में बंद अतीक अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें कथित तौर पर उन्हें ‘मिट्टी में मिला देने’ का दावा किया गया था. इस आधार पर अतीक अहमद ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन को ‘वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा’ है.

याचिका में अतीक अहमद ने कहा है कि पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उनकी ट्रांजिट रमांड की मांग करेगी. इसके अलावा उन्हें अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड पर लेगी. उन्हें लगता है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उनका खात्मा किया जा सकता है. अतीक अहमद ने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया कि पुलिस हिरासत या पूछताछ के दौरान उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक चोट न पहुंचाई जाए.

अतीक ने याचिका के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को अहमदाबाद जेल से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य हिस्से में ले जाने से रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया. बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद की पिछले दिनों प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज में वर्ष 2015 के इस हत्याकांड में उमेश पाल एक अहम गवाह थे, जिसमें अतीक अहमद और अन्य मुख्य आरोपी हैं.

(भाषा)

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