चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने हाईकमान की पोल खोलने की तैयारी की है. वह 13 से 15 मई के बीच अपने बगावती तेवर दिखा सकते हैं क्योंकि उस दौरान पार्टी का चिंतन शिविर जयपुर में होने वाला है. इस बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने इसे पार्टी का आंतरिक मामला करार दिया है. दोनों नेताओं पर पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान बेवजह बयानबाजी करने का आरोप है. दोनों नेताओं को पार्टी के महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया गया है.
3 से 15 मई के बीच कांग्रेस का चिंतन शिविर जयपुर में होने वाला है. इस शिविर के दौरान जहां कांग्रेस हाईकमान विधानसभा चुनावों में हार की समीक्षा के साथ 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा करेगी. इसके अलावा गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए जिम्मेदारियां तय की जाएंगी. इस दौरा पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) हाईकमान पर हमला करने की तैयारी में नज़र आ रहे हैं. सुनील जाखड़ इस बात से आहत हैं कि कांग्रेस ने बात करन की बजाय उनको नोटिस भेज दिया. हालांकि नोटिस में लगाए गए अनुशासनहीनता के आरोपों का उन्होंने जवाब नहीं दिया है. जाखड़ ने स्पष्ट किया है कि वह नोटिस को लेकर किसी से नहीं मिलेंगे मगर जनता के बीच खुल कर अपने मन की बात रखेंगे. कांग्रेस की अनुशासन समिति ने जाखड़ को दो साल के लिए पार्टी से निकालने की सिफारिश की थी.
इस बीच कांग्रेस की अनुशासन समिति ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान को भेजी गई शिकायत में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वरिंग ने सिद्धू की गतिविधियों के बारे में नोट लिखा है. उन्होंने बताया है कि पंजाब में पार्टी के मामलों के प्रभारी होने के नाते मेरा मानना है कि सिद्धू ने कांग्रेस सरकार के कामकाज की लगातार आलोचना करते हुए इसे भ्रष्ट बताया था और शिरोमणि अकाली दल के साथ दोस्ती की. इस बारे में पंजाब कांग्रेस प्रभारी ने भी सिद्धू के खिलाफ अपनी राय रखी है. उन्होंने केंद्रीय नेताओं को भेजी गई रिपोर्ट में बताया कि नवजोत सिद्धू उनकी सलाह को दरकिनार कर लगातार तत्कालीन चन्नी सरकार के खिलाफ बोलते रहे. राजा वारिंग के पदभार ग्रहण करने के समय सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने एकजुटता नहीं दिखाई.
बता दें कि पंजाब कांग्रेस में विवाद तब शुरू हुआ था, जब पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया. जबकि सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू भी सीएम की रेस में थे. इसके बाद सुनील जाखड़ का गुस्सा और बढ़ गया, जब प्रदेश में पार्टी की कमान सिद्धू को सौंप दी गई.
(एएऩआई इनपुट)
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