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बिहार : विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

19 लाख रोजगार की मांग को लेकर आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में छात्रों ने पटना के गांधी मैदान से 'विधानसभा मार्च' निकाला. इस दौरान छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया गया और वाटर कैनन भी चलाया गया.

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Published : Mar 1, 2021, 5:44 PM IST

विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पटना : बिहार में 19 लाख रोजगार की मांग को लेकर आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में छात्रों और नौजवानों ने पटना के गांधी मैदान से 'विधानसभा मार्च' निकाला. इस विधानसभा मार्च में एसएससी अभ्यर्थी, टीईटी अभ्यर्थी, दरोगा बहाली अभ्यार्थी सहित काफी संख्या में नौजवान छात्र शामिल हुए. इस दौरान भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा, संदीप सौरभ, मनोज मंजिल, गोपाल रविदास भी शामिल रहे. वहीं इस दौरान छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया गया और वाटर कैनन भी चलाया गया.

पुलिस पर बुरी तरह से पीटने का आरोप
जेपी गोलंबर पर पहुंचने के बाद पुलिस ने मार्च को रोकने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने मार्च कर रहे छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन चलाए. इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. वहीं नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अजीत कुशवाहा ने पुलिस पर बुरी तरह से पीटने का आरोप लगाते हुए जबरदस्ती लाठाचार्ज करने का भी आरोप लगाया.

बिहार विरोध प्रदर्शन

'हमने पहले ही बताया था कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना मार्च निकाल रहे हैं, लेकिन पुलिस ने इसके बावजूद हम पर लाठीचार्ज किया है. पुलिस ने मेरी पीठ पर, मेरे पैर पर जम कर लाठी बरसाईं है. मुझे बुरी तरह से पीटने की इनकी साजिश थी. विधायकों और करीब एक दर्जन छात्रों को चोटें आई हैं. यह सरासर गलत है. हमारी सिर्फ और सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार 19 लाख रोजगार छात्र और नौजवान को दे.' -अजीत कुशवाहा, विधायक, भाकपा माले.

छात्रों को पीटना अलोकतांत्रिक
वहीं, आइसा के महासचिव सह पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. अपनी मांगों को लेकर हम प्रदर्शन भी नहीं कर सकते. यह सरासर गलत है. सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. जिस तरीके से आज छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन चलाया गया है, वो अलोकतांत्रिक है. सरकार की इस नीति से हम डरने वाले नहीं हैं. यह आंदोलन और तेज होगा और जब तक सरकार 19 लाख रोजगार नहीं दे देती तब तक आंदोलन इसी प्रकार चलता रहेगा.

पढ़ें - असम : प्रियंका गांधी ने आदिवासियों के साथ किया झुमुर नृत्य

मांगे पूरी नहीं होने तक चलेगा आंदोलन
वहीं विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मदिन है. उन्हें आज घोषणा करनी चाहिए कि वह 19 लाख रोजगार देंगे. लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. जिससे सरकार की नीतियां स्पष्ट सामने दिख रही है कि किस तरीके से आंदोलन को रोकने और दबाने की प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे हम डरने वाले नहीं है. हम सदन में और सड़क पर भी सरकार को घेरने का काम करेंगे. जब तक सरकार 19 लाख रोजगार नहीं देगी तब तक इसकी मांग हम लगातार विधानसभा में उठाएंगे और सड़कों पर भी आंदोलन को मजबूती से तेज करेंगे.

पटना : बिहार में 19 लाख रोजगार की मांग को लेकर आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में छात्रों और नौजवानों ने पटना के गांधी मैदान से 'विधानसभा मार्च' निकाला. इस विधानसभा मार्च में एसएससी अभ्यर्थी, टीईटी अभ्यर्थी, दरोगा बहाली अभ्यार्थी सहित काफी संख्या में नौजवान छात्र शामिल हुए. इस दौरान भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा, संदीप सौरभ, मनोज मंजिल, गोपाल रविदास भी शामिल रहे. वहीं इस दौरान छात्रों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया गया और वाटर कैनन भी चलाया गया.

पुलिस पर बुरी तरह से पीटने का आरोप
जेपी गोलंबर पर पहुंचने के बाद पुलिस ने मार्च को रोकने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने मार्च कर रहे छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन चलाए. इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. वहीं नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अजीत कुशवाहा ने पुलिस पर बुरी तरह से पीटने का आरोप लगाते हुए जबरदस्ती लाठाचार्ज करने का भी आरोप लगाया.

बिहार विरोध प्रदर्शन

'हमने पहले ही बताया था कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना मार्च निकाल रहे हैं, लेकिन पुलिस ने इसके बावजूद हम पर लाठीचार्ज किया है. पुलिस ने मेरी पीठ पर, मेरे पैर पर जम कर लाठी बरसाईं है. मुझे बुरी तरह से पीटने की इनकी साजिश थी. विधायकों और करीब एक दर्जन छात्रों को चोटें आई हैं. यह सरासर गलत है. हमारी सिर्फ और सिर्फ एक ही मांग है कि सरकार 19 लाख रोजगार छात्र और नौजवान को दे.' -अजीत कुशवाहा, विधायक, भाकपा माले.

छात्रों को पीटना अलोकतांत्रिक
वहीं, आइसा के महासचिव सह पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. अपनी मांगों को लेकर हम प्रदर्शन भी नहीं कर सकते. यह सरासर गलत है. सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. जिस तरीके से आज छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन चलाया गया है, वो अलोकतांत्रिक है. सरकार की इस नीति से हम डरने वाले नहीं हैं. यह आंदोलन और तेज होगा और जब तक सरकार 19 लाख रोजगार नहीं दे देती तब तक आंदोलन इसी प्रकार चलता रहेगा.

पढ़ें - असम : प्रियंका गांधी ने आदिवासियों के साथ किया झुमुर नृत्य

मांगे पूरी नहीं होने तक चलेगा आंदोलन
वहीं विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मदिन है. उन्हें आज घोषणा करनी चाहिए कि वह 19 लाख रोजगार देंगे. लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. जिससे सरकार की नीतियां स्पष्ट सामने दिख रही है कि किस तरीके से आंदोलन को रोकने और दबाने की प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे हम डरने वाले नहीं है. हम सदन में और सड़क पर भी सरकार को घेरने का काम करेंगे. जब तक सरकार 19 लाख रोजगार नहीं देगी तब तक इसकी मांग हम लगातार विधानसभा में उठाएंगे और सड़कों पर भी आंदोलन को मजबूती से तेज करेंगे.

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