अमरावती : एसआरएम यूनिवर्सिटी-आंध्र प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के एक छात्र को जैव अपघटित सामग्री का इस्तेमाल कर फेस शील्ड 2.0 बनाने के लिए भारतीय पेटेंट कार्यालय से कॉपीराइट मिला है.
विश्वविद्यालय से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पुन: इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से निर्मित ‘फेस शील्ड 2.0’ नाक, आंख और मुंह के लिए बाहरी रक्षा का काम करता है और एक की कीमत 15 रुपये आती है.
विज्ञप्ति में कहा गया, 'इस अनूठी खासियतों के कारण छात्र पी मोहन आदित्य को उनके फेस शील्ड डिजाइन के लिए कॉपीराइट मिला है.'
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आदित्य ने पुन: इस्तेमाल होने वाली सामग्री से कोविड-19 मरीजों के बेड को ढकने वाला एक ब्लॉक भी डिजाइन किया है. उन्होंने इसके कॉपीराइट के लिए भी आवेदन किया है.
(इनपुट- भाषा)