दुर्ग : मानसून सीजन में धुआंधार बारिश शुरू हो गई है. नदी नालों का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है. अमूमन ऐसे बारिश के मौसम में पुल पुलिया, ब्रिज या सड़क का काम रोक दिया जाता है. लेकिन दुर्ग के सगनी घाट पर बन रहे ब्रिज का काम विभाग की मनाही के बाद भी चालू रहा. इसका नतीजा ये हुआ कि बुधवार को जब मोगरा जलाशय से शिवनाथ नदी में पानी छोड़ा गया तो अचानक से ब्रिज का यह ढांचा बह गया. आरोप है कि निर्माण एजेंसी अमर इंफ्रा स्ट्रक्चर भ्रष्टाचार की गरज से काम रोकने में आनाकानी कर रहा था. करीब 12 लाख का नुकसान होने के बाद विभाग की नींद खुली और अब अमर इंफ्रा स्ट्रक्चर को शोकाॅज नोटिस देने की तैयारी है.
पथरिया पुल का भी यही हाल, कभी भी गिर सकता है ढांचा: सगनी ब्रिज को बनाने वाली एजेंसी अमर इंफ्रा स्ट्रक्चर को ही सरनारा से पथरिया गांव जाने वाले पुल बनाने का काम दिया गया है. वहां पुल के लिए बन रहे ढ़ांचे का भी यही हाल है. पानी का जलस्तर बढ़ने की वजह से यहां भी पुल के कभी भी गिरने का खतरा बना हुआ है. मनाही के बावजूद काम जारी रखने और सगनी ब्रिज का ढांचा बहने से हुए नुकसान को लेकर लोक निर्माण विभाग अमर इंफ्रा स्ट्रक्चर को नोटिस देने की तैयारी में है.
16 करोड़ 40 लाख से बनना है सगनी ब्रिज: धमधा ब्लाॅक के सगनी घाट पर बन रहे इस ब्रिज की लागत 16 करोड़ 40 लाख रुपए है. सगनी घाट में बन रहा ये पुल सिल्ली और ननकट्टी गांव को जोड़ने के लिया बनाया जा रहा है. सगनी घाट को त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि सगनी घाट में शिवनाथ नदी, आमनेर नदी और सगनी नाला का संगम होता है. ब्रिज का काम 11 नंबर 2020 को शुरू हुआ था. 16 महीने यानी 11 अप्रैल 2022 को इसकी कार्य अवधि पूरी कर ली जानी थी, लेकिन अभी तक इसका ढांचा ही तैयार हो पाया था, जो शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ते ही बह गया.
निर्माण एजेंसी को बारिश से पूर्व कार्य बंद किए जाने का निर्देश जारी किया गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा था. अचानक से जब नदी का जलस्तर बढ़ा तो पुल निर्माण में लगा सेंट्रिंग भरभराकर नीचे गिरा और पानी में बह गया. इस घटना में 10 से 12 लाख के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. निर्माण एजेंसी की ओर से लापरवाही बरती गई है. -डीके माहेश्वरी, ईई, लोक निर्माण विभाग
मोगरा जलाशय से छोड़ा गया था 24 हजार क्यूसेक पानी: दुर्ग संभाग में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण मोगरा जलाशय से 24 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है. बढ़ते जलस्तर का दबाव सगनी घाट में बन रहे ब्रिज का स्ट्रक्चर सहन नहीं कर पाया और पानी में बह गया. फिलहाल इस घटना के बाद अब सेतु विभाग ने निर्माण एजेंसी के खिलाफ शोकाज नोटिस जारी करने की बात कही है.