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International Women's Day 2023: घायल पिता के लिए देवदूत बनी थी 'साइकिल गर्ल' ज्योति, 1,200 किमी साइकिल चलाकर पहुंचाया था घर

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल हमें महिलाओं के योगदान, त्याग और तपस्या की याद दिलाता है बल्कि महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है. आइए जानते हैं साइकिल गर्ल ज्योति को जिसने आठ दिनों में गुरुग्राम से दरभंगा तक लगभग 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करके अपने बीमार पिता को साइकिल पर ले जाने के बाद दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया था.

International Women's Day 2023 story of bihars cycle girl jyoti
घायल पिता के लिए देवदूत बनी थी 'साइकिल गर्ल' ज्योति,
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Published : Feb 20, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 5:14 PM IST

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2023 हर साल 8 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है. इस साल यह होली के दिन पड़ रहा है. जैसा कि नाम से पता चलता है, यह महिलाओं को समर्पित एक दिन है. देश की बहादुर बेटियों की बात करें तो इसकी लंबी लिस्ट है. जिन्होंने अपने कारनामों से नया मुकाम हासिल किया और अपने देश का मान-सम्मान बढ़ाकर नई पीढ़ियों को संदेश दिया है. जिसमें बिहार की साइकिल गर्ल ज्योति भी शामिल है.

15 वर्षीय ज्योति, जो अब बिहार की 'साइकिल गर्ल' के रूप में प्रसिद्ध है. दरअसल, साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर पहुंचाया. ज्योति के इस जज्बे ने देश में लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया था. ज्योति ने अपने बीमार पिता को हरियाणा के सिकंदरपुर से दरभंगा ले जाने का फैसला करते समय घर में बचे 2,000 रुपये और पानी की एक बोतल से खरीदी गई एक सेकंड हैंड साइकिल के पास बस इतना ही था.

हालांकि उस उल्लेखनीय उपलब्धि के एक साल बाद, ज्योति ने अपने पिता को खो दिया. ज्योति के पिता मोहन पासवान एक ऑटो रिक्शा चालक के रूप में जीविकोपार्जन करते थे. जनवरी 2020 में एक दुर्घटना के बाद, पिता घर पर रहने के लिए मजबूर हो गए थे. लॉकडाउन के बार-बार बढ़ाए जाने के कारण पैसा खत्म हो रहा था, ज्योति ने देखा कि उसके पिता घर का किराया देने और रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं, उसने घर लौटने का मन बना लिया फिर एक इस्तेमाल की हुई साइकिल खरीदी और अपने बीमार पिता को पीछे बैठाकर दरभंगा जिले के सिंघवारा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले अपने गांव सिरहुल्ली के लिए कठिन साइकिल यात्रा शुरू की.

इंप्रेस हुईं थी इवांका ट्रंप
15 वर्षीय ज्योति कुमारी, अपने घायल पिता को अपनी साइकिल के पीछे 7 दिनों में 1,200 किमी की दूरी तय करके अपने गृह गांव ले गई इस धीरज और प्यार के इस खूबसूरत कारनामे ने भारतीय लोगों और साइकिलिंग फेडरेशन की कल्पना को आकर्षित किया है.

  • 15 yr old Jyoti Kumari, carried her wounded father to their home village on the back of her bicycle covering +1,200 km over 7 days.

    This beautiful feat of endurance & love has captured the imagination of the Indian people and the cycling federation!🇮🇳 https://t.co/uOgXkHzBPz

    — Ivanka Trump (@IvankaTrump) May 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया गया है सम्मानित
ज्योति के अदम्य करतब की खबर ने साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Cycling Federation of India) का ध्यान खींचा और उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister's National Child Award) से भी सम्मानित किया गया. दुनिया भर में ज्योति को सराहा गया. जिसमें अन्य नेटिज़न्स के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प भी शामिल थीं.

File photo
Prime Minister's National Child Award से किया गया था सम्मानित

उनकी अविश्वसनीय यात्रा ने 15 वर्षीय ज्योति को सुर्खियों में ला दिया और कई संगठनों ने उन्हें आर्थिक रूप से मदद करने का वादा किया. वही बिहार सरकार ने साइकिल गर्ल ज्योति को अपनी सामाजिक कल्याण परियोजना (social welfare project) के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया.

ये भी पढ़ें: International Women's Day 2023: नीरजा 'हिरोइन ऑफ हाईजैक' जिसने अपनी जान देकर बचाईं 360 जिंदगियां

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2023 हर साल 8 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है. इस साल यह होली के दिन पड़ रहा है. जैसा कि नाम से पता चलता है, यह महिलाओं को समर्पित एक दिन है. देश की बहादुर बेटियों की बात करें तो इसकी लंबी लिस्ट है. जिन्होंने अपने कारनामों से नया मुकाम हासिल किया और अपने देश का मान-सम्मान बढ़ाकर नई पीढ़ियों को संदेश दिया है. जिसमें बिहार की साइकिल गर्ल ज्योति भी शामिल है.

15 वर्षीय ज्योति, जो अब बिहार की 'साइकिल गर्ल' के रूप में प्रसिद्ध है. दरअसल, साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर पहुंचाया. ज्योति के इस जज्बे ने देश में लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया था. ज्योति ने अपने बीमार पिता को हरियाणा के सिकंदरपुर से दरभंगा ले जाने का फैसला करते समय घर में बचे 2,000 रुपये और पानी की एक बोतल से खरीदी गई एक सेकंड हैंड साइकिल के पास बस इतना ही था.

हालांकि उस उल्लेखनीय उपलब्धि के एक साल बाद, ज्योति ने अपने पिता को खो दिया. ज्योति के पिता मोहन पासवान एक ऑटो रिक्शा चालक के रूप में जीविकोपार्जन करते थे. जनवरी 2020 में एक दुर्घटना के बाद, पिता घर पर रहने के लिए मजबूर हो गए थे. लॉकडाउन के बार-बार बढ़ाए जाने के कारण पैसा खत्म हो रहा था, ज्योति ने देखा कि उसके पिता घर का किराया देने और रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं, उसने घर लौटने का मन बना लिया फिर एक इस्तेमाल की हुई साइकिल खरीदी और अपने बीमार पिता को पीछे बैठाकर दरभंगा जिले के सिंघवारा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले अपने गांव सिरहुल्ली के लिए कठिन साइकिल यात्रा शुरू की.

इंप्रेस हुईं थी इवांका ट्रंप
15 वर्षीय ज्योति कुमारी, अपने घायल पिता को अपनी साइकिल के पीछे 7 दिनों में 1,200 किमी की दूरी तय करके अपने गृह गांव ले गई इस धीरज और प्यार के इस खूबसूरत कारनामे ने भारतीय लोगों और साइकिलिंग फेडरेशन की कल्पना को आकर्षित किया है.

  • 15 yr old Jyoti Kumari, carried her wounded father to their home village on the back of her bicycle covering +1,200 km over 7 days.

    This beautiful feat of endurance & love has captured the imagination of the Indian people and the cycling federation!🇮🇳 https://t.co/uOgXkHzBPz

    — Ivanka Trump (@IvankaTrump) May 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया गया है सम्मानित
ज्योति के अदम्य करतब की खबर ने साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Cycling Federation of India) का ध्यान खींचा और उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister's National Child Award) से भी सम्मानित किया गया. दुनिया भर में ज्योति को सराहा गया. जिसमें अन्य नेटिज़न्स के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प भी शामिल थीं.

File photo
Prime Minister's National Child Award से किया गया था सम्मानित

उनकी अविश्वसनीय यात्रा ने 15 वर्षीय ज्योति को सुर्खियों में ला दिया और कई संगठनों ने उन्हें आर्थिक रूप से मदद करने का वादा किया. वही बिहार सरकार ने साइकिल गर्ल ज्योति को अपनी सामाजिक कल्याण परियोजना (social welfare project) के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया.

ये भी पढ़ें: International Women's Day 2023: नीरजा 'हिरोइन ऑफ हाईजैक' जिसने अपनी जान देकर बचाईं 360 जिंदगियां

Last Updated : Feb 20, 2023, 5:14 PM IST
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