नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में अधिकांश मृत प्रसव, मातृ-संबंधी और नवजात मौतों को कुशल स्वास्थ्य पेशेवरों के सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण देखभाल से रोका जा सकता है.
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि विश्व स्तर पर हर साल, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित देखभाल की वजह से अनुमानित 134 मिलियन घटनाएं होती हैं, जो लगभग 2.6 मिलियन मौतों का कारण बनती हैं. वहीं, लगभग 6700 नवजातों के अलावा, गर्भावस्था और प्रसव से संबंधित कारणों से प्रतिदिन लगभग 810 महिलाओं की मृत्यु होती है.
उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र के अधिकांश देश राष्ट्रीय रोगी सुरक्षा या गुणवत्ता रणनीति को लागू करना जारी रखे हैं. कई देशों में स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक ढांचे हैं. क्षेत्र के सभी देशों में नीति निर्माताओं, कार्यक्रम प्रबंधकों और सुविधा प्रशासकों ने रोग-विशिष्ट और नैदानिक कार्यक्रम क्षेत्रों में रोगी सुरक्षा को शामिल करना जारी रखा है, जिसमें मातृ, नवजात और बाल मृत्यु दर में कमी में तेजी लाना शामिल है.
2030 तक क्षेत्र के 4 देशों में नवजात मृत्यु दर लक्ष्य प्रति 1000 जीवित जन्मों या उससे कम पर 12 है. वहीं, छह देशों ने प्रति 1000 कुल जन्मों पर 2030 मृत जन्म दर लक्ष्य को हासिल कर लिया है. 2030 मातृ मृत्यु दर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दो रास्ते पर हैं
डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने आगे कहा कि विशेष रूप से मातृ और नवजात देखभाल पर डब्ल्यूएचओ हितधारकों से देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के साथ साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेपों को बढ़ाने के लिए कह रहा है. वहीं, विशेष रूप से प्रसव के दौरान कई प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा है.