ETV Bharat / bharat

FMGE में गलत प्रश्न के लिए एक अंक देने के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन की परीक्षा में एक प्रश्न गलत होने पर, उसका उत्तर देने वाले हर उम्मीदवार को एक अतिरिक्त अंक देने के लिए सिंगल बेंच के आदेश पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी है.

दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट
author img

By

Published : Aug 6, 2021, 8:16 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में एक गलत प्रश्न होने पर, उसका उत्तर देने वाले हर उम्मीदवार को एक अतिरिक्त अंक देने के सिंगल बेंच के आदेश पर 17 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 17 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है.आपको बता दें कि याचिका नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस ने दायर की है. पिछली जुलाई में सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई थी.

दरअसल, एसोसिशएन ऑफ एमडी फिजिशियंस ने सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि एफएमजीई की परीक्षा दिसंबर 2020 में आयोजित की गई थी. इसमें पूछा गया एक प्रश्न गलत था. बहुविकल्पी प्रश्न के चारों संभावित उत्तर तकनीकी रूप से गलत था. सिंगल बेंच ने कहा था कि प्रश्नपत्र तैयार करने में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन से गलती हुई है.

ये भी पढ़ें-क्या 'भारतीय शिक्षा सेवा' पर अपने वादे से मुकर गई मोदी सरकार ?

सिंगल बेंच ने कहा था कि इसका सबसे सही समाधान यही है कि जिस उम्मीदवार ने संबंधित प्रश्न का उत्तर दिया है, उसे एक अतिरिक्त अंक दिए जाए. बता दें कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स विदेशों से मेडिकल डिग्री लिए हुए डॉक्टर होते हैं. उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एफएमजीई की परीक्षा पास करनी होती है.लिए

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में एक गलत प्रश्न होने पर, उसका उत्तर देने वाले हर उम्मीदवार को एक अतिरिक्त अंक देने के सिंगल बेंच के आदेश पर 17 सितंबर तक के लिए रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 17 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है.आपको बता दें कि याचिका नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस ने दायर की है. पिछली जुलाई में सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई थी.

दरअसल, एसोसिशएन ऑफ एमडी फिजिशियंस ने सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि एफएमजीई की परीक्षा दिसंबर 2020 में आयोजित की गई थी. इसमें पूछा गया एक प्रश्न गलत था. बहुविकल्पी प्रश्न के चारों संभावित उत्तर तकनीकी रूप से गलत था. सिंगल बेंच ने कहा था कि प्रश्नपत्र तैयार करने में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन से गलती हुई है.

ये भी पढ़ें-क्या 'भारतीय शिक्षा सेवा' पर अपने वादे से मुकर गई मोदी सरकार ?

सिंगल बेंच ने कहा था कि इसका सबसे सही समाधान यही है कि जिस उम्मीदवार ने संबंधित प्रश्न का उत्तर दिया है, उसे एक अतिरिक्त अंक दिए जाए. बता दें कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स विदेशों से मेडिकल डिग्री लिए हुए डॉक्टर होते हैं. उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एफएमजीई की परीक्षा पास करनी होती है.लिए

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.