मैसूर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड (Uttarakhand) के केदारनाथ (Kedarnath) क्षेत्र में 'श्री शंकराचार्य स्टडी सेंटर एंड म्यूजियम' (Sri Shankaracharya Study Center and Museum) स्थापित करने का फैसला किया था.
18 जून को केदारनाथ भेजी जाएगी शंकराचार्य की प्रतिमा
इसे ध्यान में रखते हुए शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा बनाने के लिए देशभर से कई मूर्तिकारों को आमंत्रित किया गया था. इस परियोजना के लिए कर्नाटक के चार मूर्तिकारों के नामों का उल्लेख किया गया था, आखिरकार मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज को शंकराचार्य की मूर्ति बनाने का मौका दिया गया था. शंकराचार्य की प्रतिमा 18 जून को मैसूर (Mysore) से केदारनाथ (Kedarnath) भेजी गई.
शंकराचार्य की मॉडल प्रतिमा देख प्रभावित हाे गए थे पीएम
सितंबर 2020 में अरुण योगीराज ने प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) को दो फुट ऊंची मॉडल शंकराचार्य की प्रतिमा भेजी थी. यह देख मोदी ने अरुण योगीराज को शंकराचार्य की मूर्ति बनाने का निर्देश दिया. विभाग के निर्देशानुसार काम शुरू करने वाले अरुण योगीराज सरस्वतीपुरम में बैठ कर शंकराचार्य की मूर्ति तैयार की.
आपकाे बता दें कि कृष्णाशिला पत्थर का इस्तेमाल हसन, बेलूर, हलेबिदु की मूर्तियों काे बनाने में किया जाता है. बारिश, धूप, आग या पानी से इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचता.
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मैसूर में गढ़ी गई आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति उत्तराखंड के केदारनाथ में अद्वैत वेदांत के प्रतिपादक की समाधि को सुशोभित करेगी. समाधि 2013 में आई आपदा में नष्ट हो गई थी.