कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान कूचबिहार के सितालकुची में बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिंड गए थे. इस दौरान केंद्रीय बलों के जवानों द्वारा की गई फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (CID) को सौंपी थी.
- CID की जांच से मेल नहीं खा रहे पूर्व एसपी के बयान
मामले पर सीआईडी ने शुक्रवार को कूचबिहार के तत्कालीन एसपी देवाशीष धर (SP Devashish Dhar) से लंबी पूछताछ की थी. जिसके बाद अब पूर्व एसपी के बयानों में कई विसंगतियां मिली हैं और उन पर महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने, उनसे छेड़छाड़ करने का सीआईडी को शक है. सीआईडी के सूत्रों के मुताबिक, धर द्वारा सीआईडी के अधिकारियों को दिए गए बयान फॉरेंसिक और बैलिस्टिक जांच से पूरी तरह अलग हैं और निष्कर्षों का खंडन करते हैं.
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- उनके बयान बेहद निराशाजनक: सीआईडी
सीआईडी के एक अधिकारी ने मुताबिक, पूछताछ के दौरान पूर्व एसपी पूरी तरह सामान्य थे और उनके बयान बेहद निराशाजनक थे. साथ ही वह विरोधाभासी बयान दे रहे थे. जांच अधिकारियों ने यह भी कहा कि उनके बयानों से स्पष्ट था कि वह कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे थे. इसलिए इस घटना के पीछे एक बड़ी साजिश होने से इनकार नहीं किया सकता है. अधिकारियों ने आगे कहा, लगता है कि पूर्व एसपी मे फायरिंग की घटना के बाद किसी का पीछा नहीं किया. सितालकुची में उस दिन 2 गोलीबारी की घटनाएं हुई थी. पहली घटना मतदान केंद्र के अंदर और दूसरी उसके बाहर हुई थी. इसे लेकर 2 एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी, लेकिन पूर्व एसपी ने एक ही एफआईआर दर्ज किया.
- पूर्व एसपी ने दी सफाई
हालांकि, इस मामले पर पूर्व एसपी ने कहा गोलीबारी की दोनों घटनाओं में आरोप केंद्रीय बलों के जवानों के खिलाफ थे, इसलिए एक ही एफआईआर दर्ज की गई. वहीं, सीआईडी के सूत्रों ने बताया कि इसके पहले घटनास्थल की जांच के अलावा कई पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ कर उनका बयान लिया जा चुका है. शुक्रवार को देवाशीष धर से पूछताछ में जो जानकारी मिली है उसे पहले के बयानों से मिलाया गया है.