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राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के निर्देश, जींस टीशर्ट न पहनें छात्राएं

महाराष्ट्र के अमरावती में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने छात्र-छात्राओं के पहनावे को लेकर निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि छात्राओं को जींस-टीशर्ट नहीं पहननी चाहिए और छात्रों को अपनी दाढ़ी नहीं बढानी चाहिए.

State Directorate of Medical Education instructions
राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के निर्देश
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Published : Dec 2, 2022, 5:08 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 5:42 PM IST

अमरावती (महाराष्ट्र): राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने स्पष्ट किया है कि मेडिकल छात्राओं को जींस पैंट और टी-शर्ट नहीं पहननी चाहिए. असिस्टेंट, एसोसिएट्स, प्रोफेसर और मेडिकल छात्राओं को साड़ी या चूड़ीदार ही पहनने की सलाह दी जाती है. डीएमई कार्यालय में आयोजित सप्ताहांत समीक्षा के दौरान लिए गए निर्णयों के साथ शिक्षण अस्पतालों को भेजे गए निर्देशों में ड्रेस कोड का उल्लेख किया गया था.

एमबीबीएस और पीजी मेडिकल के छात्रों को साफ कपड़े पहनने चाहिए. दाढ़ी कटवानी चाहिए. महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए. स्टेथोस्कोप और एप्रन अवश्य पहनना चाहिए. बताया गया है कि कुछ छात्रों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर उच्चाधिकारियों ने इस हद तक आदेश दिए हैं.

पढ़ें: कैप्टन अमरिंदर और जाखड़ भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नियुक्त

पढ़ाने वाले अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अगर भर्ती करना पड़े तो उन्हें इस बात से इंकार नहीं करना चाहिए कि सहायक नहीं हैं. इसके अलावा डीएमई डॉ. विनोद कुमार ने शिक्षण अस्पतालों के अधीक्षकों और प्रधानाध्यापकों को फेस-बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया.

अमरावती (महाराष्ट्र): राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने स्पष्ट किया है कि मेडिकल छात्राओं को जींस पैंट और टी-शर्ट नहीं पहननी चाहिए. असिस्टेंट, एसोसिएट्स, प्रोफेसर और मेडिकल छात्राओं को साड़ी या चूड़ीदार ही पहनने की सलाह दी जाती है. डीएमई कार्यालय में आयोजित सप्ताहांत समीक्षा के दौरान लिए गए निर्णयों के साथ शिक्षण अस्पतालों को भेजे गए निर्देशों में ड्रेस कोड का उल्लेख किया गया था.

एमबीबीएस और पीजी मेडिकल के छात्रों को साफ कपड़े पहनने चाहिए. दाढ़ी कटवानी चाहिए. महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए. स्टेथोस्कोप और एप्रन अवश्य पहनना चाहिए. बताया गया है कि कुछ छात्रों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर उच्चाधिकारियों ने इस हद तक आदेश दिए हैं.

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पढ़ाने वाले अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अगर भर्ती करना पड़े तो उन्हें इस बात से इंकार नहीं करना चाहिए कि सहायक नहीं हैं. इसके अलावा डीएमई डॉ. विनोद कुमार ने शिक्षण अस्पतालों के अधीक्षकों और प्रधानाध्यापकों को फेस-बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया.

Last Updated : Dec 2, 2022, 5:42 PM IST
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